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अवैध सड़क निर्माण मामले में डीबीएल को नोटिस की तैयारी * कंपनी की ओर से निजी भूमि पर सड़क निर्माण का दावा

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जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।  लोकहित के नाम पर अवैध कार्यों को नजर अंदाज कर देना प्रशासन की पुरानी शैली रही है। भले ही वह गतिविधि नियम विरुद्ध हो लेकिन जब बात ऊपर तक पहुंच रखने वालों की आती है तो कानून के हाथ भी बंधे नजर आते हैं। तो कुल मिलाकर यह बात केवल किताबी जान पड़ती है कि नियम कानून सबके लिए बराबर है। ऐसा नहीं है कि जिम्मेदार अधिकारियों के पास पावर नहीं है। दरअसल ऐसे मामले में कई कारण होते हैं जो एक उच्च अधिकारी के अधिकार क्षेत्र को सीमित करने की क्षमता रखते हैं।                       ऐसा ही एक मामला धरमजयगढ़ क्षेत्र में सामने आया है। जिसमें एक नामी कंपनी के लोग स्थानीय प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं। धरमजयगढ़ क्षेत्र में दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड कंपनी को करीब चार हेक्टेयर निजी भूमि क्षेत्र को साधारण पत्थर उत्खनन के लिए आबंटित किए जाने की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में संबंधित आवेदित क्षेत्र के लिए बिना किसी अनुमति के सड़क निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। इस बारे में अपनी पिछली रिपोर्ट में हमने बताया था कि प्रस्तावित खनन क्षेत्र के लिए स्थानीय प्रशासन की अनुमति के बिना करीब एक किमी दूर तक सड़क बनाने के लिए पत्थर युक्त मिट्टी बिछा दी गई। पूर्व में इस मामले में धरमजयगढ़ एसडीएम ने बताया था कि उन्हें इस सड़क निर्माण की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा था कि संबंधित कंपनी द्वारा उनसे कोई अनुमति नहीं ली गई है। वहीं कंपनी की ओर से दावा किया गया था कि अनुमति ली गई है। यहां सवाल है कि अधिकारी और कंपनी के एक कर्मचारी के बयान एक दूसरे के बिलकुल विपरीत क्यों हैं? दूसरा प्रश्न यह कि क्या प्रभावित क्षेत्र में करीब एक किमी तक पहुंच मार्ग बनाने के बारे में किसी को भी कानोकान खबर क्यों नहीं हो पाती है? यदि ऐसा है भी कि रातोरात सड़क बना दी गई तो सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर किसके शह पर यह तानाशाही चल रही है? क्या आवेदित क्षेत्र से परिवहन के लिए बनाए जाने वाले मार्ग के संबंध में किसी तरह का प्लान तैयार किया गया है? ऐसे कई और सवाल हैं जो इस पूरे मामले को और संदिग्ध बनाते हैं। बहरहाल इस मामले में प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की कार्रवाई की बात फि लहाल सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आई है। जानकारी के मुताबिक डीबीएल कंपनी को भारतमाता सड़क परियोजना से जुड़े कुछ कार्यों के संपादन के लिए अधिकृत किया गया है। इस पूरे मामले में ऐसे कई तथ्य सामने आए हैं जिनसे यह संभावना प्रबल होती है कि डीबीएल कंपनी को आवेदित क्षेत्र में पत्थर उत्खनन की स्वीकृति प्रदान करने की प्रक्रिया में कुछ पहलुओं को जाने अनजाने गंभीर रूप से नजर अंदाज किया जा रहा है।        

  नोटिस जारी किया जाएगा-एसडीएम                          

  इस मामले में धरमजयगढ़ एसडीएम डिगेश पटेल ने बताया कि संबंधित कंपनी के जिम्मेदार को तलब किया गया था। एसडीएम ने बताया कि उनकी ओर से निजी भूमि पर सड़क निर्माण कराए जाने की बात कही गई है। उन्हें करार से संबंधित दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया है। सरकारी जमीन पर सड़क निर्माण के सवाल पर अधिकारी ने कहा कि संबंधित को नोटिस जारी किया जाएगा।

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