जोहार छत्तीसगढ़ धरमजयगढ़। जनगणना फॉर्मेट में ओबीसी का कॉलम जोड़कर ओबीसी की जनगणना कराने की मांग को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के नाम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धरमजयगढ़ को ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें कहा गया है कि संविधान में समाजिक तथा शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े हुए समुदायों को अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में 3 वर्ग बनाए गए हैं। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग की जनगणना तो होती है किंतु राष्ट्रीय जनगणना फॉर्मेट के कॉलम में अन्य पिछड़ा वर्ग का पृथक से कोड नंबर नहीं होने के कारण अन्य पिछड़ा वर्ग की जनगणना नहीं होती है। संविधान के अनुच्छेद 340 के परिपालन में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए गठित आयोग काका कालेलकर आयोग मंडल आयोग व मध्य प्रदेश राम जी महाजन आयोग द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग की जनगणना कराए जाने बाबत अनुशंसा की गई थी तदनुसार इस हेतु सांसद में बनी सहमति के आधार पर जनगणना 2021 में पृथक से अन्य पिछड़ा वर्ग के आंकड़े एकत्र करने के प्रयास किए गए किंतु आंकड़े जारी नहीं किए गए। ओबीसी महासभा द्वारा लंबे समय से प्रतिमाह ज्ञापन देकर राष्ट्रीय जनगणना 2021 के जनगणना फॉर्मेट में ओबीसी का कालम बनवाने शासन प्रशासन से निवेदन किया जाता रहा है लेकिन पूर्व की भांति इस बार भी राष्ट्रीय जनगणना फॉर्मेट के कॉलम में अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी का पृथक से कोड नहीं है। फलस्वरूप ओबीसी वर्ग की जनसंख्या तथा उसकी परिस्थितियों का आकलन नहीं हो पाएगा। ओबीसी महासभा सविनय प्रार्थना करती है कि जनगणना 2021 के फार्म के कालम 13 में ओबीसी के लिए पृथक से कोड नंबर 3 शामिल कर विगत वर्षो से लंबित राष्ट्रीय जनगणना आगामी विधानसभा लोकसभा चुनाव को देखते हुए शीघ्र की जाए एवं जनगणना उपरांत आंकड़े प्रकाशित किया जाए जिससे ओबीसी समाज भारत देश के मतदाता होने के नाते जनसंख्या के अनुपात में हिस्सेदारी प्राप्त कर सके। ज्ञापन सौंपने के अवसर पर ओबीसी जिला कोषाध्यक्ष मेश्राम, रामजीवन महंत, निरंजन प्रधान, चक्रधर प्रधान, सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहे।