जोहार छत्तीसगढ़-रायगढ़।
पहली बार सरकारी नौकरी करने वालो का वेतन काटने के निर्णय को अव्यवहारिक बताते हुए प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि प्रदेश के पढ़े लिखे लोगो के साथ भूपेश सरकार शोषण अत्याचार कर रही है। छत्तीसगढ़ी युवक युवतियों की ओर से भूपेश सरकार से पूछे सवाल में ओपी ने कहा प्रदेश के मुखिया पढ़े लिखे लोगो को कुछ ज्यादा ही ना पसन्द करते हंै। आपकी सरकार छत्तीसगढ़ के छोटे-छोटे गांव से निकलकर पढ़ाई लिखाई कर अपनी योग्यता के बल पर नौकरी हासिल करने वाले छत्तीसगढिय़ा भाई बहनों के साथ शोषण व अत्याचार का नए-नए तरीके इजाद कर रही है। जिसके तहत पहली बार नौकरी करने वालो का उत्साह वर्धन करने की बजाय उनके वेतन में पहले वर्ष तीस प्रतिशत दूसरे वर्ष बीस प्रतिशत तीसरे वर्ष दस प्रतिशत की कटौती की जा रही है। इस तरह से कटौती को अव्यवहारिक बताते हुए ओपी ने कहा सरकार बनते ही शोषण का नया तरीका खोज लिया। वेतन कटौती का निर्णय सीधे तौर पर छत्तीसगढिय़ो के हक पर प्रहार निरूपित करते हुए ओपी ने इस निर्णय को वापस लेने की मांग भी की है। ऐसा अदूरदर्शी निर्णय देश के किसी भी राज्य में लागू नहीं है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के दौरान यह निर्णय लागू किया गया था लेकिन भाजपा की सरकार बनते ही इसे कर्मचारियों के हित में तत्काल वापस लिया गया। प्रशिक्षण की अवधि में सेवा रत कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं हो सकते इस वजह से उनका अनावश्यक शोषण जारी है। इस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए।