जोहार छत्तीसगढ़-घरघोड़ा।
हाल ही रामनवमीं का भव्य आयोजन संपन्न हुआ हजारों हिन्दुओं ने रामनवमीं के दिन सड़कों पर त्यौहार मनाया वहीं घरघोड़ा नगर की जनता हिन्दू धर्म के भक्त संगठनों को आज ताना देते हुए पुछ रही है क्या सिर्फ आयोजन करने के लिए हिन्दुवादी छबि बाहर आती है या राजनीतिक रोटियां सेंकने का कार्य मात्र है। समाजसेवी राजनेता नगर के धनवान सिर्फ हिन्दू समाज में महान बनने आगे आते हैं। रामनवमीं की छबि अभी तक दिलों दिमाग में छाया है। उसी छबि को कुछ लोग पचा नहीं पा रहे हैं। जिसके कारण बेमेतरा जिले के एक छोटे से गांव बिसनपुर में संप्रदायिक हिंसा होने से 23 साल का नौजवान अपनी जान गंवा बैठता है जिसको हिन्दू समाज श्रद्धांजलि देने व न्याय दिलाने के लिए एक पहर अपनी दुकान धंधों को बंद नहीं कर सकती, जबकि अन्य जगहों में स्वत: शांति पूर्वक लोगों ने बंद का समर्थन का एकता परिचय दिया है। परन्तु घरघोड़ा की जनता सिर्फ दिखावे में आगे है लोगों को अपनी चिंता पहले फि र कहीं दुसरा सोचें एक भी दुकान समर्थन में बंद नहीं होने से यह चर्चा का विषय बना है घरघोड़ा को धार्मिक नगर कहा जाता है पर धर्म के लिए कोई आगे बढ़कर आता दिखाई नहीं देता चाहे राजनीति दल हो या धार्मिक संगठन विश्व हिन्दू परिषद का प्रदेश बंद का आह्वान वहीं घरघोड़ा में विश्व हिन्दू परिषद् का संगठन नहीं होने से कोई आग्रह भी नहीं हुआ। हिन्दुवादी पार्टी कहलाने वाला पार्टी भाजपा के दिग्गज नेता सिर्फ नाम के रह गये लगते हैं। प्रदेश जिले में बोल बाला रहता है पर खुद के नगर में बंद के समर्थन में आग्रह तक नहीं किए।