जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
रायगढ़ जिले के विकास खण्ड लैलूंगा के ग्राम पंचायत जामबहार के सरपंच सत्यनारायण भगत उर्फ छोटू का गांव के ही गौठान से आते समय 19 नवम्बर को मोटर सायकिल से गिरने से मामूली चोटें आई थी। जिसके बाद वह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लैलूंगा जाकर मरहम पट्टी आदि करवा कर वापस आने के पश्चात ससुराल वालों का धान मिसाई कर जब वह घर में सो रहा था। तभी अचानक उसकी तबियत बिगडऩे लगी जिसे तुरन्त चिकित्सा उपचार हेतु डॉक्टर के पास लेकर जाने पर रायगढ़ के डॉ. ने सिटीस्कैन कराने की सलाह दी और तत्काल रायपुर के लिए रिफ र कर दिया। दो तीन दिनों से वे बेहोशी की स्थिति में कोमा में चले गये थे। रायपुर के निजी अस्पताल में लगातार उपचार चल ही रहा था कि अचानक बुधवार की रात्रि लगभग 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। सत्यनारायण भगत (छोटू) हंसमुख चेहरे के साथ-साथ होनहार, मिलनसार व्यक्तित्व के धनी एवं कुशल नेतृत्व क्षमता के लिए खास जाने पहचाने जाते थे। उनके आसमयिक निधन की खबर से लैलूंगा सहित पूरे क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त हो गई। उनके निवास गृह जामबहार में शुभ चिंतकों का आने जाने का तांता लगा हुआ है। जनपद पंचायत लैलूंगा के अधिकारी से लेकर कर्मचारी सहित पूरे विकास खण्ड के सरपंच-सचिवों में शोक समाचार की खबर हवा की तरह फैल गई जिससे वे भी दुखी में हैं तथा क्षेत्र के सभी सोशल मीडिया प्लेट फ ार्म के माध्यम से व्हॉटसप और फेसबुक में शोक संदेश एवं श्रद्धांजली अर्पित करने का सिलसिला लगातार चलता रहा है। गौरतलब हो कि दिवंगत सत्यनारायण भगत (छोटू) को सरपंच जैसे पद विरासत से प्राप्त हुई थी। इससे पूर्व उनके चाचा जयसिंह भगत तथा उनकी पत्नि बिहानी बाई भगत व माता मनहारो भगत व पिता नरसिंह भगत सभी सरपंच के पद पर रहे हैं । जिसे सत्यनारयण भगत ने बड़ी सिद्दत के साथ बखूबी निभा रहे थे] वहीं परमात्मा के इच्छाुसार असमय ही काल के गाल में समा गये। इस अपूर्णीयक्षति का कभी भी भरपाई नहीं हो सकता। जिसके पार्थिव शरीर को रायपुर से उनके गृह ग्राम जामबहार लाया जा रहा है। जिसका अंतिम संस्कार आज उनके गृह ग्राम में होगा। वे अपने पीछे नन्हें मुन्नें बाल बच्चे सहित भरापूरा परिवार को रोता बिलखता छोड़कर चले गये।