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तबादला की खबर मिलते ही तहसीलदार ने चैम्बर से एसी खुलवाई और अपने साथ ले गए,सोशल मीडिया व नगर में चर्चा का विषय बना

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जोहार छत्तीसगढ़-सुकमा।
जिले में एक अजीबों गरीब मामला सामने आया हैं। जब चैम्बर में लगी एयर कंडीशनर को भी अधिकारी द्वारा निकलवाकर अपने साथ ले जाने की बात सामने आई हैं। दरअसल 18 नवंबर को कलेक्टर ने आदेश जारी करके सुकमा तहसील के प्रभारी तहसीलदार प्यारेलाल नाग को हटाकर मुख्यालय संलग्न किया था। आदेश की जानकारी मिलते ही तहसीलदार प्यारे लाल नाग ने अपने चैम्बर में लगी एसी को तुरंत निकलवाकर घर पहुंचाने के लिए कहा जिसके बाद कर्मचारी द्वारा एसी निकाली गई। तहसीलदार प्यारे लाल नाग जाते-जाते एसी को भी निकलवाकर अपने साथ ले गए। जानकारी के अनुसार तहसील कार्यालय में तहसीलदार चैम्बर में यह एसी सन 2020 में तत्कालीन तहसीलदार आरपी बघेल द्वारा लगाई गई थी। उसके बाद 2021 में उनका तबादला हो गया और उनके स्थान पर प्रभारी तहसीलदार बनकर प्यारे लाल नाग पदस्थ हुए। अब नए तहसीलदार के रूप में डिप्टी कलेक्टर श्रीकांत कोराम को प्रभार मिला हैं लेकिन चैम्बर से एसी गायब हैं। चैम्बर की स्थिति यह हैं कि चारों तरफ से यह कांच से पैक हैं ऐसे में अंदर गर्मी भरी उमस हैं और एसी गायब हैं।
सोशल मीडिया में चर्चा का विषय
चैम्बर से एसी निकाले जाने का मामला सोशल मीडिया व नगर में लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ हैं। सोशल मीडिया में इस पर खूब चुटकियां ली जा रही हैं और लोग कह रहें हैं इस तरह का वाक्या पहली बार सुनने को मिला हैं। सरकारी अधिकारी इस तरह का कृत्य करेंगे तो यह अच्छी बात नहीं हैं । सरकारी कार्यालय से एसी निकलवाना बिल्कुल गलत बात हैं।
जमीन मामले में नोटिस जारी
सुकमा के तत्कालीन तहसीलदार प्यारे लाल नाग को कलेक्टर हरीश एस ने 18 नवंबर को हटा दिया था और मुख्यालय संलग्न किया था। उसके बाद जमीन के दो बड़े मामलों में 21 नवंबर को कलेक्टर ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया हैं और 7 दिन के भीतर जवाब देने को कहा हैं । यह नोटिस जमीन के अलग-अलग दो बड़े मामलों में जारी हुआ हैं। नोटिस में उल्लेखित दोनों मामलों के संदर्भ में नोटिस में लिखा गया कि तहसीलदार व पदेन उपपंजीयक रहते हुए न तो इनके द्वारा जांच किया गया और न ही अपने अधीनस्थों से जांच कराया गया ऐसा कृत्य घोर लापरवाही व उदाशीनता हैं। कलेक्टर द्वारा जारी किए गए नोटिस में उल्लेखित हैं कि 7 दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर व संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जावेगी।

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