जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
वन मंडल धरमजयगढ़ के अलग-अलग इलाकों में वन भूमि पर अतिक्रमण के इरादे से पेड़ों की अवैध कटाई धड़ल्ले से जारी है। अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि मेन रोड किनारे के कई एकड़ जंगल को बेखौफ सफ ाया कर दिया गया। इससे भी हैरानी वाली बात यह है कि विभाग के जिम्मेदार सब कुछ जानते हुए भी चुप बैठे हैं। जिससे साफ होता है कि वन विभाग के कर्मचारियों की मौन स्वीकृति है। इससे पूर्व भी जंगल की अवैध कटाई के मामले सामने आए हैं लेकिन उन मामलों की जांच की स्थिति पर रहस्य बना हुआ है। ताजा मामला धरमजयगढ़ रेंज के दुलियामुड़ा क्षेत्र के जंगल का है। जहां मुख्य मार्ग से सटे हुए कई एकड़ जंगल को काटने का सिलसिला जारी है। यह कारनामा हाल फि लहाल का ही है इस बात की पुष्टि मौका मुआयना कर किया जा सकता है। इस मामले में संबंधित मैदानी कर्मचारी की लापरवाही खुलकर सामने आई है। हालांकि अपने बचाव में वे कई कारणों का हवाला दे रहे हैं लेकिन उन कारणों की सत्यता पर कई गम्भीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस पूरे मामले में क्षेत्र के बीट गॉर्ड श्रवण कुमार सिदार ने पहले कहा कि संबंधित क्षेत्र को वन अधिकार के तहत आबंटित किया गया है। पेड़ों की कटाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि संबंधित लोगों को मना करने पर उनके द्वारा धमकी दी जाती है। सिदार ने बताया कि उन्होंने इस मामले की मौखिक जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी है। अब सवाल उठता है कि जब अधिकारियों को इस बात की जानकारी दी गई है तो पेड़ कटाई को क्यों नहीं रोकी जा रही है। वन मण्डल कार्यालय से चंद किलोमीटर की दूरी पर सड़क किनारे हजारों सरई व अन्य पेड़ों की कटाई पर वन विभाग का मौन रहना समझ से परे है। अब सवाल यह है कि यदि किसी को वन अधिकार पट्टा दिया भी गया है तो पट्टा मिलने के बाद कब्जा क्यों किया जा रहा है? यदि पहले से कब्जा नहीं था तो वह अधिकार पट्टा कैसे मिल गया? सवाल यह भी है कि वन अधिकार के कारण जंगल की कटाई की जा रही है तो फ ारेस्ट गॉर्ड से विवाद की स्थिति क्यों निर्मित हुई? इतना सब कुछ होने के बाद सिर्फ मौखिक जानकारी देकर अपना पल्ला क्यों झाड़ लिया? ऐसे अनेकों सवाल विभाग के सामने मुह बाए खड़े हैं। हाल ही में धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र में हाथियों की मौत, हाथी दांत के गायब होने व रेंज ऑफि स परिसर में रखी एक जब्तशुदा पिकअप की चोरी की सनसनीखेज मामले सामने आए लेकिन उन सभी मामलों में विभागीय कर्मचारियों की कार्यप्रणाली को लेकर फ ौरी तौर पर किसी भी प्रकार की विभागीय कार्रवाई की बात अब तक सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आई है। देखना होगा कि सड़क किनारे स्थित कई एकड़ जंगल की कटाई कर अतिक्रमण किए जाने के इस मामले में विभागीय अधिकारी किस तरह का रवैया अपनाते हैं। इस मामले में जब डीएफ ओ अभिषेक जोगावत से चर्चा की गई तो, उन्होंने बताया कि इस मामले की तत्काल जांच करवाता हूं। अब देखना होगा कि जांच किस स्तर पर और कैसा होता है। या अन्य मामलों की तरह यह भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।