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सत्ता पक्ष के 8 विधायक होने के बाद भी सड़क खस्ता जिम्मेदार कौन?, छत्तीसगढ़ में सबसे खराब सड़क रायगढ़-जशपुर जिले का, जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा क्षेत्रवासियों को

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जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
छत्तीसगढ़ में भाजपा 15 साल तक राज किया, 15 साल तक शासन करने के बाद भी रायगढ़-जशपुर जिले के सड़कों को सुधारने पर ध्यान नहीं दिया। इन दोनों जिले के सड़क का हाल बहुत ही खराब था। दोनों जिले के जनता ने 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को अच्छे से सबक सिखाया और 8 विधानसभा में एक भी विधानसभा में भाजपा जीत दर्ज नहीं कर पायी। 8 के 8 विधायक कांग्रेस के जीत कर विधानसभा पहुंचा। चुनाव के बाद जिले वासियों को आश जगी थी कि सत्ता परिवर्तन हुआ है और 15 साल बात कांग्रेस सत्ता में वापसी की है, क्षेत्र का विकास होगा। 15 साल तक सत्ता से दूर रहने के बाद फिर जब कांग्रेस सत्ता में आई तो सत्ता के नशे में चूर कांग्रेसी विधायक भूल गये कि क्षेत्रवासी किस कारण भाजपा को सत्ता से दूर किया है। दोनों जिले के आठों विधानसभा में कांग्रेस के विधायक होने के बाद भी सड़क का ये हाल है कि सड़क पर चलना क्षेत्रवासियों के लिए जान पर खेलना होता है। लेकिन 8-8 कांग्रेसी विधायक को सड़क का खस्ता हाल दिखाई नहीं देता। जनता इन लापरवाह, निष्कृय विधायकों पर क्या भरोसा करें। ये विधायक लोग दो-चार मीडिया वालों को अपने पक्ष में लेकर मीडिया में वाह वाही लूटते रहते हैं। इन जनप्रतिनिधियों को शायद ये नहीं मालूम की क्षेत्र की जनता 15 साल तक राज करने के वाली पार्टी को किस कदर धूल चटवाया है। यादि समय रहते सत्ता पक्ष के विधायक जनता के हित में काम नहीं करती है तो आने वाले समय में फिर एक बार कांगे्रस को भी सबक सिखायेगी? आज हम बात कर रहे हैं रायगढ़ और जाशपुर जिले की सड़कों का।

आपको बता दे कि रायगढ़ से धरमजयगढ़, धरमजयगढ़ से पत्थलगांव, खरसिया से धरमजयगढ़ के सड़कों का हाल देखकर तो जनप्रतिनिधियों को शर्म से चूल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए, लेकिन इन जनप्रतिनिधियों को शर्म है ही नहीं तो फिर इनको क्या का शर्म। सड़क पर इतने बड़े-बढ़े गड्डे है कि बड़े-बड़े गाड़ी समा जाती है। इन सड़कों पर तो दो पहिया, चार पहिया गाड़ी से आना जाना यानि अपनी जान को दाव में लगाना है। खरसिया रोड से सैकड़ों स्कूली छात्र-छात्रा पढ़ाई करने स्कूल आते हैं लेकिन बच्चे स्कूल आते आते पूरी तरह किचर से छन जाते हैं। सड़क में घूटने के बराबर पानी फस रहता है ये सब न तो जनप्रतिनिधियों को दिखता है और न तो स्थानीय अधिकारी-कर्मचारियों को। जशपुर जिले में भी जनता ने 3 विधायक को विधानसभा भेजा है ताकि क्षेत्र का विकास हो सके लेकिन यहा के विधायक भी सिर्फ मीडिया में बने रहने के लिए कुछ भी करते रहते हैं ताकि मीडिया इनको हीरो बनाकर जनते के सामने पेश करें। लाखों करोड़ों से निर्माण होने वाली सड़कों को ठेकेदार अधिकारी की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चड़ा दिया जा रहा है और सत्ता पक्ष के विधायक चुपचाप तमाशा देख रहे हैं।

एसडीओ पीडब्लूडी वर्षों से मुख्यालय से नदारद, फिर कैसे सुधरेगी सड़कों का हाल

आपको बता दे कि धरमजयगढ़ लोक निर्माण विभाग में पदस्थ एसडीओ वर्षों से मुख्यालय से नदारद रहते हैं लेकिन इनको टोकने वाला कोई नहीं है। जब मुखिया ही मुख्यालय में न रहता हो तो मुख्यालय का क्या हाल हो रहा होगा ये आप खुद सोच सकते हैं। सड़कों का हाल एसडीओ का मुख्यालय में नहीं रहना से सब जानकारी हमारे विधायक लालजीत महोदय को होने के बाद भी विधायक राठिया द्वारा क्यों विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सड़कों का हाल सुधारने बोलते हैं ये क्षेत्रवासियों के समझ में नहीं आ रहे हैं। मजेदार बात है कि पीडब्लूुडी एसडीओ कौन है धरमजयगढ़ के 90 प्रतिशत लोग नहीं जानते हैं क्योकि साहब जी तो रायगढ़ मुख्यालय में बैठकर ही धरमजयगढ़, लैलूंगा, घरघोड़ा मुख्यालय को चला रहे हैं। जब घर में बैठकर वेतन मिल जाय फोकट में तो फिर काम किस लिए करेंगे ऐसे अधिकारी-कर्मचारी? विधायक राठिया को चाहिए कि ऐसे लापरवाह अधिकारी-कर्मचारियों का क्लास ले ताकि क्षेत्र की जनता को मुलभूत सुविधा का लाभ मिल सके।

 

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