जोहार छत्तीसगढ़-सुकमा।
हड़ताल के तीसरे दिवस भी छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के कर्मचारी डटे रहे अपनी 2 सूत्रीय मांग 34: महंगाई भत्ता और सातवें वेतन मान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता हेतु अपनी आवाज बुलंद करते रहे। शासन तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए कई सारे प्रखर वक्ताओं ने अपने वाणी का उद्बोधन किया। भाजपा जिला अध्यक्ष हुंगा राम मरकाम भी धरना स्थल पर उपस्थित हुए और कर्मचारियों का समर्थन करते हुए शासन से मांग किया कि जल्द ही केंद्र सरकार के अनुरूप 34: महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए। इसके पश्चात छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के ब्लॉक सहसंयोजक सोनाधर मांझी ने भी आवाज बुलंद करते हुई शासन से कहा कि हमें अविलंब 34: डीए और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए अन्यथा पांच दिवसीय निश्चित कालीन हड़ताल के पश्चात अगले चरण में हम अनिश्चितकालीन आंदोलन में जाने के लिए बाध्य होंगे। इसके लिए संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन को समर्थन दे रहे सर्व शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष कृष्ण कुमार पुजारी ने कहा कि कोई भी कर्मचारी शौक से हड़ताल नहीं करता है। मजबूरी में ही हड़ताल करना पड़ता है, शालाओं में बच्चों को पढ़ाना अति महत्वपूर्ण है। बावजूद इसके ना चाहते हुए भी शिक्षक हड़ताल को मजबूर हैं। शासन को समय-समय पर देय महंगाई भत्ता को रोक कर रखना न्याय संगत नहीं है। महंगाई अपने चरम पर है और कर्मचारी इस महंगाई की मार को झेल रहा है। विगत 2 सालों से महंगाई भत्ता सही समय पर नहीं मिल रहा है। जिसका खामियाजा आम कर्मचारी अधिकारी को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने शासन से मांग किया कि अविलंब 34: डीए जो कि केंद्र शासन से 12: पीछे है और सातवें वेतनमान के अनुरूप भाड़ा भत्ता दिया जाए। वर्तमान में कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में 34: डीए दिया जा रहा है।