जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
पुलिस अधीक्षक रायगढ़ अभिषेक मीना के दिशा निर्देशन तथा एडिशनल एसपी लखन पटले व एसडीओपी धरमजयगढ़ दीपक मिश्रा के मार्गदर्शन पर आईपीएसी प्रभात कुमार के नेतृत्व में पुलिस की विशेष टीम द्वारा दोनों आरोपियों को गाजियाबाद उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार किया है। जहां से धरमजयगढ़ लाया गया। जिसमें मुख्य आरोपी अमितेश कीर्ति बी-टेक की पढ़ाई किया हुआ है जो शातिर तरीके से लेबर किस्म के लोगों के नाम से जारी सिम का उपयोग ठगी के लिये करता था। वर्ष 2019 से 2021 तक उसने धरमजयगढ़ में शिक्षक शिवपद मल्लिक को लोन दिलाने के नाम पर 29 लाख रूपये ठग लिया। पीडि़त शिक्षक को आरोपी द्वारा कुछ बांड पेपर दिया गया था। जो सही थे जिस कारण पीडि़त को ठगी का आभास नहीं हुआ और वह आरोपी के द्वारा बताये गये बैंक अकांउट में रूपये ट्रांसफ र करते रहा। पीडि़त शिक्षक जब पुलिस के संपर्क में आया तब पुलिस इस प्रकार से किसी को लोन नहीं मिलना बताये। तब शिक्षक को ठगी का अहसास हुआ। जिसके बाद अपने को ठगा महसूस कर शिक्षक द्वारा थाना धरमजयगढ़ में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराया गया। 29 मार्च 2022 को थाना धरमजयगढ़ में लिखित आवेदन देकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि अगस्त 2019 में घर बनाने के लिये होम लिया था। उसी दौरान आदित्य बिरला कंपनी का शाक्षी शर्मा नाम का व्यक्ति फ ोन कर बताया कि हमारी कंपनी 0: ब्याज पर ऋ ण देती है। उसके बाद आदित्य बिरला के मैनेजर राजीव अग्रवाल कॉल कर 8 लाख रूपये के ऋ ण के लिए वन टाईम इन्श्योरेन्स 51 हजार रूपये का बांड बनवाया। उसके बाद लोन राशि 8 लाख से 20 लाख रूपये के लिए विभिन्न टेंडेंसी बताकर लगभग 7 लाख रूपये का विभिन्न कंपनियों का जैसे भारतीय एक्शा, इंडिया फ स्ट, एडल वाईस, फ्यूचर जर्नली, एवं रेलीगर का इन्श्योरेन्स दिलाये। उसे बाद से कम्पनी के कई लोग जिसमें मैनेजर पंकज गर्ग, हेमंत शुक्ला, राजू अग्रवालए सुरेन्द्र गोस्वामी व अन्य कई बार इन्श्योरेन्स कराये और टेंडेंसी क्लीयर के नाम पर रूपये ट्रांसफर करने के लिये बोले। उनके झांसे में आकर 1 अगस्त 2019 से 27 अगस्त 2021 तक लगभग 29 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई है। शिकायतकर्ता ने बताया कि यह राशि अपने एसबीआई बैंक खाता एवं एक्सिस बैंक के खाता से ऑनलाइन ट्रांसफर किया है। यह रूपये एक्सीस बैक से पर्सनल लोन एवं आईआईएफएल से होम लोन लेकर तथा मित्रों से कर्जा लेकर भरा है। थाना धरमजयगढ़ में अज्ञात आरोपी के विरूद्ध धारा 420 आईपीसी का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीना द्वारा एसडीओपी धरमजयगढ़ दीपक मिश्रा एवं आईपीएस प्रभात कुमार को डायरी का अवलोकन कर आगे की कार्यवाही करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। आईपीएस प्रभात कुमार द्वारा डायरी अवलोकन उपरांत पाये कि ठगी के दौरान उपयोग किए गए कई सिम बंद हो चुके हैं किंतु ठग द्वारा लगातार पीडि़त से संपर्क किया जा रहा है। आईपीएस प्रभात कुमार द्वारा पुलिस अधीक्षक को मामले से अवगत कराया गया। पुलिस अधीक्षक द्वारा संदेही/ आरोपी की पतासाजी के लिए उत्तर प्रदेश आईपीएस प्रभात कुमार के नेतृत्व में टीम रवाना किया। सार्विलेंस के आधार पर पुलिस टीम गाजियाबाद के राजीवनगर पहुंची। आरोपियों के द्वारा उपयोग में लाये गये कई सिम अलग-अलग प्रांतों के थे किन्तु इसी दौरान पीडि़त शिक्षक को ठग द्वारा पुन: सम्पर्क किया गया जिसका लोकेशन सिम धारक गाजियाबाद में होना एवं सिम धारक का आईडी गाजियाबाद का ही होना पाया गया। जिस पर पुलिस टीम ने सिम जारीकर्ता ;रिटेलरद्ध हेमंत नाम के व्यक्ति से पूछताछ किया गया जो पुलिस का सहयोग कर बताया कि एक व्यक्ति उससे अभी तक आधा दर्जन से अधिक सिम अपने नाम से लिया है और वर्तमान में चलाये जा रहे सिम के बारे में जानकारी दिया। रिटेलर को संदिग्ध नम्बर की आईडी दिखाकर पहचान कराया गया जिसने फोटो देखकर पुष्टि करते हुये संदिग्ध को स्थानीय मजदूर और शराब का आदी होना बताया गया। इस दरम्यान लगातार संदिग्ध नम्बर का लोकेशन लेकर तत्काल मौके पर रवाना हुये। लेबर चौक कई हमाली हल्ला कर रहे थे। उसमें से एक युवक पुलिस को देख कर भाग रहा था जिसे पुलिस टीम हिरासत में लिया गया जो पूछताछ में अपना नाम अजय बताया जबकि अन्य लोग उसे सचिन होना बताये । पुलिस को उसकी गतिविधियां सही नहीं लगी। उसे हिरासत में लेकर हिकम्मत अमली से पूछताछ करने पर उसने हमाली का काम करना और एक लाल रंग कार वाले युवक के लिए सिम उपलब्ध कराना बताया जिसके एवज में इसे 3 सौ से 4 सौ मिलता था। पुलिस की टीम अब गुमनाम लाल रंग के कार मालिक की पता तलाश के लिए लगातार दो दिनों तक गाजियाबाद के कई कॉलोनियों के बिल्डिंग पार्किंग चेक की अथक प्रयास के बाद एक स्विफ्ट लाल रंग की कार गुलमोहर गार्डन राजनगर में मिला। जिसके मालिक के अपार्टमेंट में रायगढ़ पुलिस स्थानीय पुलिस के साथ दबिश दिया गया। संदिग्ध व्यक्ति अपार्टमेंट के बाहर अपने पालतू कुत्ते को छोड़ अंदर से कमरे का ताला बंद कर पुलिस को कोई सहयोग नहीं कर रहे थे। काफ ी प्रयास के बाद पुलिस अंदर प्रवेश की जहां युवक अमितेश कीर्ति कमरे में अपने आप को बंद कर लिया था और अपने लैपटॉप पर कुछ कार्य कर रहा था जिसका सचिन से पहचान कराये जिसने अमितेश कीर्ति को ही सिम उपलब्ध कराना बताया। आरोपी अमितेश कीर्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर घटना का खुलासा हुआ। आरोपी अमितेश कीर्ति बताया कि वह बीटेक की पढ़ाई किया है। लोगों को लोन दिलाने के नाम पर इंश्योरेंस कराने का झांसा दिया करता था जबकि लोन की रकम नहीं देता था ऐसा करने के लिये वह सचिन के माध्यम से लेबर किस्म के लोगों के आईडी से लोगों से संपर्क कर उन्हें लोन देने और इंशारेंस कराने के नाम पर झांसा देता था। पुलिस टीम आरोपी अमितेश कीर्ति द्वारा पीडि़त को उपलब्ध कराया गया दस्तावेजों की जांच कर रही है कि उसके द्वारा इंश्योरेंस कराए गए बॉन्ड पेपर सही है या नहीं। पुलिस आरोपी के मोबाइल चेक करने पर पाई कि आरोपी लग्जरियस जीवन जीने का शौकीन रखता था। उसके हाल ही में कोच्चीए श्रीनगर टूरिस्ट प्लेस में भ्रमण की तस्वीरें मिली। उसके मोबाइल में आबू धाबी, चीन यात्रा करने बुक फ्लाइट टिकटें मिली है। उसको जानने वाले बताएं कि अमितेश अपनी एक महिला मित्र को एक लग्जरी कार भी गिफ्ट किया है। पुलिस टीम जांच कर रही है कि अमितेश रायगढ़ छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य कितने लोगों के साथ ठगी किया है। दोनों आरोपियों से उपयोग में लाये गये मोबाइल, सिम, आधारकार्ड की जप्ती कर के धरमजयगढ़ धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर धोखाधड़ी और आईटी एक्ट धारा 420, 34 120 बी 66, 68 डीआई एक्ट में न्यायिक रिमांड बाद जेल दाखिल किया गया।
एडिशनल एसपी लखन पटले के विशेष मार्गदर्शन पर आईपीएस प्रभात कुमार के नेतृत्व में विशेष टीम में उप निरीक्षक नंद कुमार पैंकरा, थाना प्रभारी कापू, उप निरीक्षक नंद किशोर गौतम चौकी प्रभारी खरसिया, प्रधान आरक्षक दुर्गेश सिंह, सायबर सेल रायगढ़, प्रधान आरक्षक नंदु सारथी थाना कोतवाली, आरक्षक किशोर राठौर थाना धरमजयगढ़, आरक्षक प्रदीप तिवारी थाना खरसिया शामिल थे।