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प्रो. डी एस मालिया की मेहनत लाई रंग, पहाड़ में बसे 26 घर एक आंगनबाड़ी केंद्र को मिला बिजली

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जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।

ग्राम में उजाला का प्रयास।”Project Light For Life ” आज 100%✓ विद्युत उत्पादन में सफल रहे।15 दिन के भीतर ग्राम के सभी 26 घरों में 5-5 बल्ब कनेक्सन एवं एक आंगनबाड़ी केंद्र व एक स्कूल में कनेक्सन जोड़ दिया जाएगा। ग्राम के सभी ग्रामीण  जिन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर रोज पहाड़ी पर हमारे साथ सहयोग किया उनका योगदान सराहनीय है।  अपना गांव अपनी बिजली।न लाइन कटने का डर और न आंधी तूफान में ट्रांसफार्मर उड़ने का चक्कर। जितना पानी उतनी बिजली।। यहां यह उल्लेखनीय है कि यह कार्य किसी शासकीय योजना या अनुदान एवं NGO के आर्थिक सहायता से नहीं अपितु मेरे सहयोगी तीन साथियों के आर्थिक सहायता एवं गांव के उत्साही लोगों के श्रमदान पर किया जा रहा है।जिस गांव में हम अभी सिर्फ टेस्ट कर योजना तैयार कर रहे हैं वहां पूरे उरांव जनजाति के लोगों का निवास है। यह लघु जल विद्युत परियोजना है जिसका विद्युत उत्पादन क्षमता 10 किलो वाट है। मेरे द्वारा इसे Project Light For Life नाम दिया गया है। ऐसे सुदूरवर्ती क्षेत्रों में जहां ग्रीड से पावर जाना अभी बाकी है और रिमोट एरिया है में लगाया जाना है जिसका हम प्रयास कर रहे हैं। यहां उपयोग में लाई गई तकनीकी पूर्णतः भारतीय है और Cross Flow Turbine का उपयोग किया गया है। इस परियोजना के चालू होने पर गांव में वर्ष में 12 महिने निरंतर विद्युत का उत्पादन होगा जिसका लाभ ग्राम के 26 घरों एवं एक आंगनबाड़ी केंद्र व स्कूल को मिलेगा। प्रो डी एस मालिया सामाजिक वैज्ञानिक ने बताया कि यह उनका 20 वर्ष पहले की योजना थी जो अब पूरा होने जा रही है। आने वाले दिनों में कोरबा जिले के दो गांव एवं रायगढ़ जिले के और एक गांव में हमारे द्वारा 30 किलो वाट के लघु जल विद्युत परियोजना पर कार्य किया जाना प्रस्तावित है जिसे जल्द ही शुरू किया जायेगा प्रो मालिया ने बताया कि यह कार्य उनके द्वारा अपने सहयोगी साथियों श्री प्रमोद चंदेल,श्री गुलाब पटेल, एवं श्री आलोक शुक्ला के आर्थिक सहयोग व श्री विजय शर्मा एवं ग्रामीणो के परिश्रम से हो रहा है। यहां इस कार्य में कोई शासकीय अनुदान या निधि कहीं से प्राप्त नहीं हुआ है और ना ही अमेरिका या किसी बाहरी लोगों के द्वारा तकनीकी जानकारी दिया गया है यह विशुद्ध भारतीय तकनीक एवं स्वदेशी है।प्रो डी एस मालिया ने बताया कि उनका यह प्रयोग पूर्णतः सफल रहा है और वो चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ के ऐसे बहुत से गांव है जहां बिजली तो है पर वर्ष भर वहां विद्युत का प्रवाह नहीं होने हवा आंधी तूफान आदि के कारण समस्या रहती है अगर शासन प्रशासन चाहें तो हमारी इस परियोजना अपना गांव अपनी बिजली लागू कर विद्युत समस्या का समाधान कर सकते हैं। ग्राम में उजाला का प्रयास।”Project Light For Life ” आज 100%✓ विद्युत उत्पादन में सफल रहे।15 दिन के भीतर ग्राम के सभी 26 घरों में 5-5 बल्ब कनेक्सन एवं एक आंगनबाड़ी केंद्र व एक स्कूल में कनेक्सन जोड़ दिया जाएगा। ग्राम के सभी ग्रामीण  जिन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर रोज पहाड़ी पर हमारे साथ सहयोग किया उनका योगदान सराहनीय है।  अपना गांव अपनी बिजली।न लाइन कटने का डर और न आंधी तूफान में ट्रांसफार्मर उड़ने का चक्कर। जितना पानी उतनी बिजली।। यहां यह उल्लेखनीय है कि यह कार्य किसी शासकीय योजना या अनुदान एवं NGO के आर्थिक सहायता से नहीं अपितु मेरे सहयोगी तीन साथियों के आर्थिक सहायता एवं गांव के उत्साही लोगों के श्रमदान पर किया जा रहा है।जिस गांव में हम अभी सिर्फ टेस्ट कर योजना तैयार कर रहे हैं वहां पूरे उरांव जनजाति के लोगों का निवास है।

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