जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। धरमजयगढ़ वन मंडल अंतर्गत 42 हाथी अलग-अलग जगहों पर विचरण कर रहे हैं ऐसे में हांथियों को लेकर प्रभावित क्षेत्रवासी समेत वन महकमें की चिंता बढ़ी हुई है। वैसे तो धरमजयगढ़ वन मंडल एक तरह से हाथीमय है, आए दिन क्षेत्र में हाथियों की आमद की खबर या फि र हाथियों से फ सल व घर नुकसानी की खबर लगातार सुनने देखने को मिल रही है। हालांकि वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा एहतियातन लगातार हाथी प्रभावित इलाकों में लोगों को सचेत रहने जरूर जागरूक किया जा रहा है। क्षेत्र में हाथी आमद की खबर गांव में मुनादी कर दी जा रही ताकि किसी भी तरह की हानि से बचाया जा सके। लेकिन यहा बता दे जिस तरह से क्षेत्र में हाथियों की आमद है लगातार हाथियों की तादाद बढ़ रही है उससे कहीं न कहीं यह लगता है कि शासन-प्रशासन का यह कदम सुरक्षा की दृष्टि से नि:संदेह पर्याप्त नहीं है। इससे और उचित बेहतर ठोस कदम उठाने की शायद नितांत आवश्यक है। जैसे बात करें खासकर एलिफेंट कॉरिडोर का होना। एक जानकारी के मुताबिक मौजूदा समय में धरमजयगढ़ वन मंडल अंतर्गत अलग-अलग जगहों पर कुल 42 हाथी विचरण कर रहें है जो काफ ी चिंतनीय विषय है विस्तार से हाथियों की जानकारी जैसे धरमजयगढ़ वनमण्डल के छाल क्षेत्र अंतर्गत लोटान 483 कक्ष क्रमांक में 1 हाथी, बोजिया 513 में 1 हाथी, बेहरामार के जंगल मे 1 हाथी, महाराज गंज के कक्ष क्रमांक 545 में 1 हाथी, तो वहीं धरमजयगढ़ वनपरिक्षेत्र के बरतापाली एवं क्रोन्धा के जंगल में 1 हाथी, कक्ष क्रमांक 405 गेरसा जंगल मे 1 हाथी, पोटिया के कक्ष क्रमांक 400 में 11 हाथी के दल में घूम रहे हैं, वहीं बाकारूमा रेंज के धौराभांटा 113 कम्पार्टमेंट में 1 हाथी, साथ ही बोरो वनपरिक्षेत्र के जंगल मे 2 हाथी की मौजूदगी है साथ ही बताते चले लैलूंगा वनपरिक्षेत्र अंतर्गत जंगलों में 22 हाथियों का दल विचरण कर रहा है।
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