कोलकाता । कोलकाता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने अपने एक अहम फैसले में भूमि के अनियमित आवंटन के लिए बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली पर 10,000 रुपए जबकि पश्चिम बंगाल हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डब्ल्यूबीएचआईडीसीओ) पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया है। ये जुर्माना न्यू टाउन क्षेत्र में स्कूल बनाने के लिए गलत तरीके से भूमि आवंटित करने को लेकर लगाया गया है। खंडपीठ के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ने कहा कि यह राशि चार सप्ताह के भीतर पश्चिम बंगाल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पास जमा करा दी जानी चाहिए।
अदालत ने कहा, हालांकि भूमि का हिस्सा आवंटियों द्वारा वापस कर दिया गया है पर सत्ता के मनमाने प्रयोग कानून के बिल्कुल विपरीत है, इसलिए डब्ल्यूबीएचआईडीसीओ पर 50,000 रुपए का जूर्माना लगाया गया है।
अदालत ने कहा कि राज्य सरकार और डब्ल्यूबीएचआईडीसीओ आवंटन के फैसले के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों से राशि की वसूली कर सकते हैं। गांगुली और गांगुली एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी पर लगाए गए 10,000 रुपए के सांकेतिक जुर्माने पर अदालत ने कहा, उन्हें कानून के अनुसार काम करना चाहिए था, विशेष रूप से पहले के फैसले पर विचार करते हुए जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला करते हुए मामला रद्द कर दिया गया था। पीठ 2016 में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें गांगुली को न्यू टाउन में एक स्कूल स्थापित करने के लिए दो एकड़ जमीन के अनियमित आवंटन को चुनौती दी गई थी। 27 सितंबर 2013 को गांगुली और सोसायटी को आवंटन किया गया था। भूमि अगस्त 2020 में डब्ल्यूबीएचआईडीसीओ को सौंप दी गई थी।