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कोराना टीके के साइड इफेक्ट से 35 हजार महिलाएं प्रभावित

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लंदन । ब्रिटेन में अब कोरोना वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट भी धीरे-धीरे सामने आ रहा है। कोरोना वैक्सीन की डोज लेने के बाद लगभग 35,000 ब्रिटिश महिलाओं ने दावा किया है कि उनके पीरियड्स बाधित हुए थे। कई महिलाओं का यह भी कहना है कि वैक्सीनेशन से उन्हें अनियमित और दर्दनाक पीरियड्स का सामना करना पड़ा। इनमें से अधिकांश महिलाओं की यह समस्या एक पीरियड साइकिल के पूरा होने के बाद खत्म भी हो गई।
बताया गया है कि इनमें से ज्यादातर मामले फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन से जुड़े हुए हैं। इंपीरियल कॉलेज लंदन में रिप्रोडक्टिव इम्यूनलॉजी की एक लेक्चरर डॉ विक्टोरिया माले के डेटा एनलॉसिस रिपोर्ट के अनुसार वैक्सीनेशन के कारण अभी तक प्रजनन संबंधी कोई समस्या सामने नहीं आई है।

 ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) में लिखते हुए, उन्होंने तर्क दिया कि इस दावे की जांच के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। यूके की ड्रग वॉचडॉग द मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी ने अभी तक कोविड वैक्सीन और मासिक धर्म के मुद्दों के बीच किसी भी लिंक को स्वीकार नहीं किया है। एजेंसी ने कहा कि आज तक पूरा किया गया कठोर मूल्यांकन मासिक धर्म में बदलाव और संबंधित लक्षणों और कोविड के टीकों के बीच एक भी लिंक का समर्थन नहीं करता है। डॉ माले ने सुझाव दिया कि वैक्सीन की डोज के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया मासिक धर्म चक्र में बदलाव को ट्रिगर कर सकती है।

 उन्होंने पिछले अध्ययनों की ओर इशारा करते हुए कहा कि एचपीवी वैक्सीन ने भी शुरुआती दिनों में महिलाओं के मासिक धर्म चक्र को कुछ समय के लिए बाधित किया था। लेकिन अन्य विशेषज्ञों ने भी डॉ माले के इस सिद्धांत को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि वैक्सीनेशन के बाद मासिक धर्म की समस्याएं सामान्य से अधिक दर पर नहीं हो रही हैं।


डॉ माले ने लिखा कि ‘प्राइमरी केयर चिकित्सक और रिप्रोडक्टिव हेल्थ में काम करने वाले लोग तेजी से उन लोगों से संपर्क कर रहे हैं जिन्होंने टीकाकरण के तुरंत बाद इन घटनाओं का अनुभव किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगले पीरियड साइकिल में सब पहले की तरह सामान्य हो गया। टीकाकरण के बाद सामने आने वाली स्वास्थ्य समस्याओं की संख्या पर डेटा एमएचआरए की येलो कार्ड योजना के जरिए इकट्ठा किया गया है। यह योजना वैक्सीनेशन के संभावित दुष्प्रभाव के हर मामले का रिकॉर्ड रखता है। इन घटनाओं की 30000 से अधिक रिपोर्ट एमएचआरए की येलो कार्ड सर्विलांस स्कीम को दी गई थी। इनमें से ज्यादातर लोग ऐसे हैं जिन्होंने टीकाकरण के बाद अपनी पीरियड्स की अवधि में बदलाव की रिपोर्ट की है।

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