वॉशिंगटन । अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आत्मघाती आंतकी हमले में अपने सैनिकों को खोने के बाद अमेरिका ने तथाकथित ‘इस्लामिक स्टेट के अड्डों’ पर ड्रोन स्ट्राइक कर दी। हालांकि, इस हमले की जांच में पाया गया है कि असल में अमेरिकी सेना का निशाना आईएसआईएस-के के आतंकी नहीं बल्कि 10 आम लोग बने थे। इस दौरान एक गाड़ी भी उड़ा दी गई थी लेकिन उसका संबंध भी इस्लामिक स्टेट से नहीं था। यह खुलासा खुद अमेरिकी सेंट्रल कमांड के टॉप जनरल जनरल फ्रैंक मकंजी ने किया है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन में शुक्रवार को जनरल मकंजी ने बताया कि इस स्ट्राइक में सात बच्चे मारे गए। उन्होंने इस गालती को मानते हुए माफी भी मांगी है। उन्होंने कहा, ‘हमला इस विश्वास के साथ किया गया था कि हमारी सेनाओं और एयरपोर्ट के रास्ते बाहर निकलने का इंतजार कर रहे लोगों पर मंडरा रहा खतरा टलेगा लेकिन यह एक गलती थी और मैं माफी मांगता हूं।’ उन्होंने कहा कि वह इस हमले और उसके घातक परिणाम की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं। मकंजी ने कहा है कि भविष्य में ऐसी स्ट्राइक करने से पहले और ज्यादा सटीकता बरती जाएगी। जनरल मकंजी के इस बयान के बाद जो बाइडेन प्रशासन के लिए और मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं जो पहले से ही अफगानिस्तान में हालात को खराब तरह से संभालने के लिए आलोचना झेल रहा है। हमले के शिकार हुए असली लोगों की पहचान जाहिर होने के बाद एक बार फिर काबुल एयरपोर्ट के हमले में मारे गए सैनिकों की मौत के लिए असल में जिम्मेदार आईएसआईएस को सबक सिखाने के बाइडेन के दावे पर भी सवाल खड़ा हो गया है।