पेइचिंग । पडीसी देश चीन के झेजियांग प्रांत के यिवू शहर में स्थित क़ियाओटौ पुरातात्विक स्थल में खोजे गए कई बर्तनों में शराब के अवशेष मिले हैं। चीन वैज्ञानिकों का दावा है कि यह अवशेष करीब 9000 साल पुराने हैं। यह पूरा अवशेष दो मानव कंकालों के पास पाया गया है, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि शोक मनाने वालों ने मृतकों के सम्मान में शराब का सेवन किया होगा। अनुमान है कि यह मृतकों को सम्मानित करने के लिए बीयर पीने की रस्म का सबसे पहला ज्ञात उदाहरण हो सकता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि शराब पीने के इस तरह के आयोजन ‘एक-दूसरे से सामाजिक संबंध बनाए रखने’ में अहम भूमिका निभाते थे। अध्ययन के प्रमुख लेखक जिया जिंग वांग ने कहा कि हमारे परिणामों से पता चलता है कि मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल बीयर रखने के लिए किया जाता था। दूसरे शब्दों में कहें तो- चावल से बना एक फेरमेंटाड ब्रेवरागेल। शोधकर्ताओं ने बताया कि क्वाटायू में बर्तनों के भीतर पाया गया मोल्ड कोजी में पाए जाने वाले मोल्ड की तरह है। इसका इस्तेमाल पूर्वी एशिया में बीयर बनाने के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्राचीन बीयर आज मार्केट में मिलने वाली बीयर से काफी अलग थी। संभवतः वह बीयर स्वाद में थोड़ी मीठी थी और इसका रंग थोड़ा अलग था। अध्ययन में आगे कहा गया है कि अभी तक किसी भी अन्य साइट पर इस तरह के मिट्टी के बर्तनों की खोज नहीं की गई है। एक मानव निर्मित खाईं में एक प्लेटफॉर्म पर जमीन से तीन मीटर ऊपर इन बर्तनों की खोज की गई थी।
पुरातत्वविदों का कहना है कि प्राचीनकाल में बीयर बनाना आसान नहीं था क्योंकि 9000 साल पहले घरेलू तौर पर चावल की फसलें अपने शुरुआती चरण में थीं।ताजा अध्ययन में वैज्ञानिकों ने ‘दुनिया में सबसे पहले ज्ञात चित्रकारी किए हुए मिट्टी के बर्तनों’ का पता लगाया। साइट पर खोजे गए कई लंबी गर्दन वाले बर्तनों में स्टार्च, पौधों के जीवाश्म, मोल्ड और यीस्ट के अवशेष दिखाते हैं कि एक समय पर इनमें शराब रखी गई थी।