मुख्यमंत्री ने कहा कि दादाभाई नौराजी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखने वाले महत्वपूर्ण लोगों में से एक थे। वे पारसी बुद्धिजीवी, महान विचारक, समाज सुधारक, अर्थशास्त्री और शिक्षाविद् थे। वे पहले भारतीय थे जो ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स के सदस्य बने। उन्होंने अपने भाषणों में हमेशा स्वराज को प्रमुखता दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिटिश शासन के समय भारत से धन निकास को उन्होंने प्रमुखता से उठाया जिससे आर्थिक राष्ट्रवाद की अवधारणा ने जन्म लिया। इसके परिणामस्वरूप राष्ट्रवाद की चेतना स्वदेशी आंदोलन में विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार के रूप में सामने आई। श्री बघेल ने कहा कि दादा भाई नौरोजी जैसे राष्ट्रवादी विचारक और पुरोधा के अमूल्य विचार हमें सदा प्रेरणा देते रहेंगे।