भोपाल। भारतीय किसान संघ ने केंद्र के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। 8 सितंबर को होने जा रहे इस एक दिवसीय आंदोलन में देश के साथ प्रदेश के हर जिले से भी किसान भी शामिल होंगे। फसलों के लाभकारी मूल्यों को लेकर भारतीय किसान संघ देशव्यापी आंदोलन करने जा रहा है।
संघ की न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं, बल्कि लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य देने की मांग है। क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी ने बताया कि देशभर में किसान आंदोलित होंगे। ये एक दिवसीय आंदोलन होगा। इसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने कहा मध्य प्रदेश के सभी जिलों में किसान धरना प्रदर्शन करेंगे और रैली निकालकर कलेक्टर को पीएम नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
8 सितंबर को एक दिवसीय आंदोलन
क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी ने बताया कि भारतीय किसान संघ की प्रबंध समिति की बैठक दिल्ली हरियाणा सीमा पर हुई। इसमें अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य, 36 प्रांतों के अध्यक्ष, महामंत्री, संगठन मंत्री और कोषाध्यक्ष ने भाग लिया। दो दिवसीय मंथन के बाद सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि किसानों को उनकी उपज का मूल्य नहीं मिलने का कारण किसान गरीब और कर्जदार होता जा रहा है। उनके बच्चों का भविष्य अंधकार में और स्वयं का जीवन नर्क में बन चुका है।
31 अगस्त तक था अल्टीमेटम
भारतीय किसान संघ ने कहा कार्यकारिणी ने 11 अगस्त को केंद्र सरकार को ज्ञापन सौंपा था और 31 अगस्त तक मांग को पूरा करने के लिए कहा था। लेकिन उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया। इसलिए 8 सितंबर को देशभर के जिला केंद्रों पर एक दिन के धरने के साथ भारतीय किसान संघ देशव्यापी आंदोलन करेगा। जिसकी सभी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
लाभकारी मूल्य की मांग
संघ का कहना है सरकार कुछ फसलों का समर्थन मूल्य घोषित कर अपने दायित्वों से बच नहीं सकती। समर्थन मूल्य मात्र छलावा है। किसानों को बाजार के भरोसे नहीं छोड़े बल्कि उसकी उपज के मूल्यों पर सरकार नियंत्रण रखें। भारतीय किसान संघ ने केंद्र सरकार से मांग की है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं बल्कि लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य देना चाहिए। एक बार घोषित मूल के बाद महंगाई सहित दूसरे वास्तविक मूल उसमें अंकित नहीं रहते हैं।
कृषि कानून का समर्थन
क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी ने कहा भारतीय किसान संघ ने कृषि कानून का समर्थन किया। उन्होंने कहा आंदोलन में बैठे किसानों के साथ उनका संगठन खड़ा हुआ है। लेकिन वह कृषि बिल वापस लेने का समर्थन नहीं करते। बल्कि उस कानून में उनका संगठन सुधार चाहता है। इसके लिए उनके संगठन की तरफ से पांच सुझाव दिए गए हैं जिसमें लाभकारी मूल्य भी शामिल है।