भोपाल। प्रदेश में ग्वालियर-चंबल संभाग एवं विदिशा जिले में पिछले महीने 2 एवं 3 अगस्त को आई बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने एसडीआरएफ (राज्य आपदा कोष)के तहत केंद्र से 2041 करोड़ रुपए की तत्काल सहायता मांगी है। राज्य शासन ने बाढ़ की 140 पेज की विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है। जिसमें बताया है कि बाढ़ से 9 जिलों में निजी संपत्ति के साथ-साथ पब्लिक सेक्टर को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा है। भीषण आपदा में 1878 किमी सड़कें एवं 1583 पुल, पुलिया बह गए हैं। जिनके पुर्ननिर्माण के लिए 978 करोड़ रुपए चाहिए। पब्लिक सेक्टर को सुधारने के लिए 1573.75 करोड़ की मांग की गई है। साथ ही निजी क्षेत्र को राहत देने के लिए 505 करोड़ से ज्यादा मांगे हैं। बाढ़ से 35 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं। हालांकि केंद्र को भेजी रिपोर्ट में बताया है कि बाढ़ से एक भी जनहानि नहीं हुई है।
रिपोर्टमें दावा किया है कि बाढ़ प्रभावित 9 जिले शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, भिंड, ग्वालियर, मुरैना, अशोकनगर, गुना एवं विदिशा में 2 एवं 3 अगस्त को औसत से 2805 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। जिससे बाढ़ के हालात बने। बाढ़ प्रभावित जिलों में 22 विभागों ने मिलकर काम किया। सेना, आर्मी,्र पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीईआएफ एवं अन्य बचाव दलों ने 32960 लोगों को रेस्क्यू किया है।
निजी संपत्ति
8 जिलों में 1.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसल बर्बाद हुई हैं। जिनकी भरपाई के लिए प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए 72.58 करोड़ की राशि मांगी गई है। हालांकि मूल नुकसान इससे कई गुना है। बाढ़ में घिरे गांवों एवं शहरों में घरों में रखी गृहस्थी, फसलें एवं अन्य संपत्ति का नुकसान का आंकलन इसमें शामिल नहीं है। 1573 पशु एवं 5977 पक्षी बाढ़ में बह गए। जिसके लिए 2.70 करोड़ की राहत मांग की है। साथ ही 35311 हजार लोग बेघर हेा गए हैं। जिनके लिए 349 करोड़ रुपए मांगे गए हैं।
इस तरह किया नुकसान का आंकलन
सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में नुकसान का आंकलन राजस्व पुस्तिक परिपत्र के तहत किया। जिसमें पशु हानि पर 25 हजार, मकान नष्ट होने पर 95 हजार रुपए का नुकसान। यदि किसी पीडि़त का घर 10 लाख का था, लेकिन सरकार ने उसे 95 हजार का नुकसान ही माना है। इसी तरह घरों में रखी गृहस्थी, फसलों के नुकसान का आंकलन नहीं किया। पब्लिक सेक्टर में दूरसंचार, रेल, डाक एवं अन्य केंद्रीय सेवाएं प्रभावित हुई हैं। उसका नुकसान भी इसमें शामिल नहीं है।
अभी तक सिर्फं 150 करोड़ के कार्य
सरकार ने अभी तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सिर्फ 150 करोड़ रुपए की राहत बांटी है। जिसमें राहत कार्य भी शामिल हैं। शेष राशि कब मिलेगा, यह अभी तय नहीं है। बाढ आपदा के एक महीने बाद सरकार ने केंद्र को रिपेार्ट भेजी है। केंद्रीय दल 20 दिन पहले प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर चुका है, लेकिन केंद्र की ओर से अभी तक बाढ़ प्रभावितों के लिए चबन्नी की मदद नहीं आई है।