Home विदेश तालिबान को प्रशिक्षण देने अफगानिस्तान जाएंगे पाकिस्तानी सुरक्षा और खुफिया अधिकारी

तालिबान को प्रशिक्षण देने अफगानिस्तान जाएंगे पाकिस्तानी सुरक्षा और खुफिया अधिकारी

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इस्‍लामाबाद । अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद अब पाकिस्‍तान को सबसे बड़ा खतरा आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्‍तान (टीटीपी) से नजर रहा है, जो लगातार पाकिस्‍तानी सैनिकों की जान ले रहा है। टीटीपी की ताजा कार्रवाइयों ने पाक प्रधानमंत्री इमरान खान की नींद उड़ा दी है। पाकिस्‍तानी अधिकारियों में टीटीपी को लेकर चिंता काफी बढ़ गई है। पाकिस्‍तान अपने शीर्ष सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों को अफगानिस्‍तान भेजने की तैयारी की है, ताकि तालिबानी सेना को नई परिस्थिति के हिसाब से प्रशिक्षित किया जा सके।
पाकिस्‍तान को सबसे बड़ा खतरा आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्‍तान से नजर रहा है, जो लगातार पाकिस्‍तानी सैनिकों की जान ले रहा है। टीटीपी के सदस्‍य अफगानिस्‍तान की सीमा पार करके पाकिस्‍तान में घुसते हैं और पाकिस्‍तानी सैनिकों पर हमले करके फरार हो जाते हैं। पिछले दो दशकों में हजारों की तादाद में पाकिस्‍तानी इन हमलों में मारे गए हैं। एक पाकिस्‍तानी अधिकारी ने कहा अगले दो से तीन महीने इस लिहाज से बहुत महत्‍वपूर्ण होने वाले हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार को डर सता रहा है कि अमेरिका के अत्‍याधुनिक हथियारों से लैस टीटीपी के लड़ाके अफगानिस्‍तान-पाकिस्‍तान की सीमा पर भीषण हमले कर सकते हैं।
एक सूत्र ने कहा हम तालिबान की सेना को फिर से संगठित करने में मदद कर रहे हैं, ताकि वे विभिन्न विद्रोही समूहों पर प्रभावी नियंत्रण पा सकें। उस पर आरोप लगता रहा है कि वह तालिबान का सहयोग कर रहा है। उधर, पाकिस्‍तान का दावा है कि उसका अब तालिबान पर प्रभाव खत्‍म हो गया है, हकीकत यह है कि तालिबान की पूरी सरकार का फैसला क्‍वेटा शूरा से हो रहा है। अफगानिस्‍तान के विभिन्न गुट अब नई सरकार में जगह हासिल करने के लिए प्रयत्नशील हैं। पाकिस्‍तान के सुरक्षा फैसलों से सीधे तौर पर जुड़े अधिकारी ने कहा पाकिस्‍तान अपने शीर्ष सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों को अफगानिस्‍तान भेजने की योजना बना रहा है ताकि नई सरकार में अपने प्रतिनिधियों को आगे किया जा सके।
पाकिस्‍तान की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख भी अफगानिस्‍तान जा सकते हैं। तालिबान ने इस खबर पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। तालिबान और पाकिस्‍तान की दोस्‍ती पर अफगानिस्‍तान के पूर्व राष्‍ट्रपति अमरुल्‍ला सालेह भी लगातार हमला बोलते रहे हैं। उन्‍होंने पिछले दिनों कहा था कि तालिबान की मदद के लिए पाकिस्‍तान ने हजारों की तादाद में जिहादी अफगानिस्‍तान भेजे हैं।

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