Home छत्तीसगढ़ कलेक्टर ने किया काजू तेल प्रसंस्करण युनिट का शुभारंभ

कलेक्टर ने किया काजू तेल प्रसंस्करण युनिट का शुभारंभ

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कोरबा कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने नवापारा बरतोरी स्थित हरियाली बहुद्देशीय प्रसंस्करण केन्द्र का जायजा लिया। नाबार्ड के सहयोग से एफ.पी.ओ. हरियाली कृषि उत्पाद संघ द्वारा संचालित इस इकाई में काजू, चिरौंजी, ब्लैक राइस आदि की प्रोसेसिंग की जाती है। केन्द्र के प्रभारी ने बताया कि ब्लैक राईस के स्वास्थ्यवर्धक एवं पौष्टिक होने के कारण दक्षिण के राज्यों में मांग ज्यादा है। डायबिटिज आदि के लिए फायदेमंद होने के कारण इसकी बिक्री से आमदनी में बढ़ोत्तरी की काफी संभावनाएं हैं। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने काजू और चिरौंजी प्रोसेसिंग की प्रक्रिया की भी प्रभारी से जानकारी ली। केन्द्र प्रभारी ने बताया कि चिरौंजी, चार बीज से प्राप्त होता है, जिसकी आसपास के क्षेत्रों में काफी उपलब्धता है। लगभग 150 रूपए प्रति किलो की दर से आसपास के क्षेत्रों में चार बीज उपलब्ध हो जाती है। इसकी प्रोसेसिंग करके बाजार से अच्छी कीमत प्राप्त की जाती है। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने डी.एम.एफ. से प्रसंस्करण केन्द्र को प्राप्त काजू छिलके से तेल निकालने की मशीन का भी उद्घाटन किया तथा इस तेल की उपयोगिता के बारे में भी पूछा प्रभारी ने बतया कि काजू के तेल का प्राइमर बनाने में उपयोग होता है तथा खली का उर्वरक के रूप में उपयोग किया जाता है। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने प्रोसेसिंग केन्द्र के आम एवं अनार उत्पादन प्रक्षेत्र और मुस्कान बाड़ी के काजू उत्पादन का भी अवलोकन किया। खेतों के मेड़ों पर लगाए गए फलदार वृक्षों को देखकर खुशी जाहिर करते हुए अन्य किसानों को भी फलदार वृक्ष लगाए जाने हेतु प्रोत्साहन दिए जाने के निर्देश दिए।

*कोसा धागा करण में लगी महिलाओं को रिवाॅल्विंग फण्ड के लिए कलेक्टर ने दिए निर्देश

     कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने करतला विकास खण्ड के कोसाबीज केन्द्र का निरीक्षण किया। उन्होंने इस केन्द्र से जुड़ी महिलाओं से कोसा धागा उत्पादन प्रक्रिया की जानकारी ली। केन्द्र के प्रभारी ने बतया कि कोसा धागा बनने की प्रक्रिया पांच चरणों में पूर्ण होती है। कोसा धागा कोकून से प्राप्त होता है और एक कोकून में लगभग 1500 मीटर धागा प्राप्त होता है।

      केन्द्र के प्रभारी ने बताया कि लगभग 80 से 90 महिलाएं इस केन्द्र से जुड़कर अपनी आजीविका चला रही हैं और प्रत्येक महिला को लगभग 50 से 60 हजार रूपए की सालाना आमदनी हो रही है। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने केन्द्र में अच्छी व्यवस्था को देखकर खुशी जाहिर की तथा केन्द्र से जुड़ी महिलाओं को स्व सहायता समूह बनाकर रिवाॅल्विंग फण्ड उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने कोसा धागे से बने कपड़ों को डिजाईनर और आकर्षक आधुनिक बनाए जाने पर जोर दिया तथा महिलाओं को इसके लिए तकनीकी मदद उपलब्ध कराए जाने का भी आश्वासन दिया।

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