भोपाल। सोशल मीडिया में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कार्यरत 20 वर्ष या उससे अधिक सेवा पूर्ण कर चुके अनुरेखक/सहायक मानचित्रकार/मानचित्रकार पदों पर कार्यरत ऐसे कर्मचारी, जिनके द्वारा मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया गया है तथा 3200 रुपये या उससे अधिक ग्रेड-पे प्राप्त कर रहे हैं, उनका पदनाम उपयंत्री घोषित कर दिया गया है। इस आशय का आदेश पूर्णत: फर्जी है।
प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग नीरज मण्डलोई ने बताया कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा उक्त आशय का विभागीय आदेश वायरल किया गया है। इस पर उनके द्वारा संज्ञान लेते हुए लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी अधीनस्थ कार्यालयों को वस्तु-स्थिति से अवगत करा दिया गया है। सभी को निर्देशित किया गया है कि किसी व्यक्ति द्वारा इस आदेश के क्रम में कोई आवेदन प्रस्तुत किया जाता है, तो उसकी जानकारी तुरंत विभाग को उपलब्ध कराई जाये।
इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक, भोपाल को प्रकरण की जाँच कर संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही के लिये लिखा गया है।