कोरिया-जोहार छत्तीसगढ़।
कलेक्टर श्याम धावड़े ने आज जिला कलेक्टोरेट परिसर से मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रामेश्वर शर्मा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। जागरूकता रथ के माध्यम से जिले में 25 जून से 15 अगस्त तक अभियान स्वरूप लोगों को मलेरिया की रोकथाम, बीमारी के लक्षण एवं सही उपचार के संबंध में जानकारी दी जाएगी।कलेक्टर धावड़े ने इस अवसर पर कहा कि कोविड संक्रमण से बचाव के सभी उपायों के पालन के साथ ही मलेरिया के लक्षणों का भी ध्यान रखें। मलेरिया के लक्षण दिखने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन तथा चिकित्सक से संपर्क करें।सीएमएचओ डॉ शर्मा ने कहा कि मलेरिया के संक्रमण से बचने के लिए इसकी रोकथाम के उपाय करना जरूरी है। मलेरिया के मच्छर ठहरे हुए पानी में पनपते हैं इसलिए पानी जमा होने वाले स्त्रोतों को नष्ट करें और आसपास पानी जमा होने ना दें। मलेरिया के लक्षण जैसे – बुखार, ठंड लगना, सर दर्द, बदन दर्द, उल्टियां आदि होने पर चिकित्सीय इलाज करवाएं।कलेक्टर धावड़े ने जिले की जनता से यह भी अपील की है कि जिन हितग्राहियों ने कोविड टीकाकरण नहीं करवाया है, वे टीकाकरण अवश्य करवाएं। यह आपके और आपके परिवार की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। अभियान के तहत प्रथम चरण एवं द्वितीय चरण का क्रियान्वयन केवल बस्तर संभाग में किया गया था। तृृतीय चरण क्रियान्वयन बस्तर एवं सरगुजा संभाग में किया गया था। जिसमें कोरिया जिले के 49590 जनसंख्या का सर्वे किया गया जिसमें 02 मलेरिया प्रकरण 01 पी.व्ही 01 पी.एफ प्रकरण पाये गये। इस वर्ष भी मलेरिया मुक्त छ.ग. अभियान चतुर्थ चरण का क्रियान्वयन किया जा रहा है जो कि दिनांक 25.06.2021 से 15.08.2021 तक चलेगा। जिसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर सभी लोगों का रक्त जाँच करेगी। इस कार्यक्रम का लक्ष्य जनसंख्या 68491 रखा गया जो दुरस्थ पहुँचविहीन 02 ए.पी.आई के उपर के ग्रामों मे मलेरिया जाँच किया जावेगा तथा सकारात्मक पाये गये प्रकरणों का पुर्ण उपचार किया जावेगा। वर्तमान माह मई तक 44046 लोागें का रक्त परीक्षण किया गया है। जिसमें 111 प्रकरण सकारात्मक पाये गये। जिसमें सबसे अधिक 99 प्रकरण विकासखण्ड भरतपुर में पाये गये है। इस कार्य क्रम के तहत मलेरिया से जागरूकता, मच्छरदानी की उपयोगिता एवं डी.डी.टी छिडकाव के फायदे से जन समुदाय को अवगत कराया जावेगा।