भोपाल । राजधानी के अनलॉक होते ही लोगों के मन से कोरोना संक्रमण का डर गायब हो गया है। बाजारों में बगैर मास्क और सोशल डिस्टेंस के घूम रही भीड देख कर तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है। कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता का गवाह बना शहर कोरोना संक्रमण के खतरे के प्रति एक बार फिर लापरवाह होने लगा है। विशेषकर पुराने शहर के बाजारों में न तो तय शारीरिक दूरी का पालन हो पा रहा है, न ही लोग अनिवार्य रूप से मास्क लगा रहे हैं। यदि हालात नहीं सुधरे तो एक बार फिर संक्रमण फैलने से इंकार नहीं किया जा सकता। लॉकडाउन खुलने के एक-दो दिन तक शहर के बाजारों में प्रशासन की सख्ती नजर आई थी। इसके बाद बाजार फिर पुराने ढर्रे पर चल पड़े हैं। मंगलवारा, मारवाड़ी रोड, आजाद मार्केट, जुमेराती, सिंधी मार्केट, हनुमानगंज, पुराना कबाड़खाना, लखेरापुरा, इब्राहिमपुरा, चौक बाजार आदि में दुकानें खुलते ही चहल-पहल बढ़ना शुरू हो जाती है। शाम के वक्त कोविड गाइडलाइन के नियम धरे रह जाते हैं।
विशेषकर इन सघन बाजारों में पार्किंग का इंतजाम न होने और अतिक्रमण के कारण तय शारीरिक दूरी का पालन कहीं नजर नहीं आता। निगरानी नहीं होने के कारण मास्क लगाने के प्रति भी लोग लापरवाह नजर आते हैं। भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के महासचिव अनुपम अग्रवाल कहते हैं कि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। यह बात लोगों को लगातार बताई जा रही है। इसके बाद भी ग्राहक लापरवाही कर रहे हैं। दरअसल पुराने शहर के बाजारों की सड़कें संकरी हैं। व्यवस्थित पार्किंग नहीं है। इससे अक्सर जाम की स्थिति भी बनती है। ऐसी स्थिति में तय शारीरिक दूरी के मापदंड का पालन होना संभव नहीं दिख रहा। महासंघ ने व्यापारियों से भी अपील की है कि वे बिना मास्क पहने आए ग्राहकों से लेन-देन न करें। सराफा व्यापारी दिनेश अग्रवाल दादा भाई ने बताया कि चौक बाजार की सड़कें इतनी संकरी हैं कि चार पहिया वाहन प्रवेश नहीं कर पाते। पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण व्यापारी, दुकान के कर्मचारी और ग्राहकों के दोपहिया वाहन सड़क किनारे खड़े किए जाते हैं। इससे अव्यवस्था फैल रही है। व्यापारी अनुपम अग्रवाल के मुताबिक बाजारों में बैरिकेड्स लगाकर सिर्फ जरूरतमंद लोगों के वाहनों को ही बाजारों में प्रवेश दिया जाना चाहिए। अनावश्यक रूप से बाजार में आने- ले वाहनों के कारण सड़कों पर जाम की स्थिति बनती है। इससे पैदल चलने वाले लोगों को भी परेशानी होती है।