बिलासपुर । बहुत समय से जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्यों का पद खाली पड़ा है। सिर्फ अध्यक्ष ही अकेले पूरा कामकाज संभाल रहे हैं। सदस्यों के बिना फोरम का काम काफी प्रभावित हो रहा है। प्रतिदिन काफी प्रकरण आ रहे हैं परंतु उन प्रकरणों की फाइलिंग ही हो रही है बहस एवं पुराने प्रकरणों का निर्णय नहीं हो पा रहा है। इससे क्लेम प्रकरणों की पेंडेंसी बढ़ रही है। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति कलेक्टर के अधिकार क्षेत्र में है। पुराने सदस्यों के कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात नए सदस्यों की नियुक्ति अभी अधर में है। कलेक्टर के पास कई योग्य एवं अनुभवी अधिवक्ताओं के आवेदन जमा है। परंतु करोना काल के कारण इन आवेदनों पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका इस कारण सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो पाई। परंतु इसका खामियाजा न्याय पाने वाले को भुगतना पड़ रहा है चाहे मेडिकल से संबंधित क्लेम हो या वाहन दुर्घटना से संबंधित क्लेम हो सभी पेंडिंग है और वह भी विगत 4 साल से।
और इसका फायदा बीमा कंपनियां उठा रही है जिला उपभोक्ता फोरम क्लेम सेटल्ड करने के बावजूद बीमा कंपनियां उसका भुगतान नहीं कर रही है बल्कि उसे फर्जी बताकर स्टेट फोरम में ले जाया जा रहा है। स्टेट फोरम के न्यायाधीश सप्ताह में कुछ दिन ही बैठते हैं वे रायपुर से आना-जाना करते हैं पिछले 1 साल से स्टेट फोरम का भी काम करोना के कारण प्रभावित हो रहा है। चाहे कोरोना कॉल हो या प्रशासनिक व्यवस्था सभी का खामियाजा उपभोक्ता ही भोग रहे उपभोक्ताओं के काफी प्रकरण पेंडिंग है उनकी आर्थिक स्थिति अत्यधिक खराब हो चुकी है। क्लेम पेंडिंग होने के कारण गाडिय़ां गेराज को बॉडी शॉप में पड़े पड़े खराब हो रही है। शासन को आवश्यकता है की उपभोक्ता फोरम में जितनी जल्दी हो सके सदस्यों की नियुक्ति हो और उपभोक्ताओं के पेंडिंग प्रकरणों का जल्द निराकरण हो।