भोपाल । पिछले साल अतिवृष्टि से खरीफ फसलों को हुए नुकसान का आकलन कराकर बीमा दावों को तैयार किया जा रहा है। इन्हें बीमा कंपनियों को भेजा जाएगा। आगामी दो-तीन माह में प्रक्रिया पूरी करके बीमा की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा कराई जाएगी। खरीफ फसलों का बीमा किसानों को पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा मिल सकता है। प्रदेश में पिछले साल 44 लाख से ज्यादा किसानों ने खरीफ फसल का बीमा कराया था। पिछले साल अतिवृष्टि और रोग लगने की वजह से सोयाबीन की फसल सर्वाधिक प्रभावित हुई थी। इसके अलावा मूंग सहित अन्य फसलों को भी नुकसान पहुंचा था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए कृषि और राजस्व विभाग से सर्वे कराकर फसल बीमा और राजस्व परिपत्र पुस्तक के प्रविधान अनुसार राहत उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। इसके मद्देनजर सर्वे कराकर नुकसान का आकलन कराया जा चुका है।
अब बीमा दावों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया चल रही है। दरअसल, इस बार प्रदेश सरकार की पहल पर बीमा कराने के लिए किसानों को अतिरिक्त समय केंद्र सरकार ने दिया था। यही वजह है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 44 लाख किसानों ने बीमा कराया थ। कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि किसान ज्यादा से ज्यादा संख्या में बीमा कराएं, इसके लिए सरकार ने प्रेरित किया था। पहली बार वनभूमि पट्टाधारकों को भी इसमें शामिल किया गया है। अतिवृष्टि से जितने भी किसानों की फसल खराब हुई थी, सबको अब बीमा का लाभ मिलेगा। इसके लिए विभाग प्रक्रिया तेजी के साथ प्रक्रिया कर रहा है।बताया जा रहा है कि इस बार किसानों को बीमा पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का मिल सकता है।