भोपाल । खंडवा लोकसभा उपचुनाव के लिए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव को कांग्रेस अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है। इसी सप्ताह प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक भोपाल में होना तय है, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारियों की मौजूदगी में उनके नाम पर मुहर लग जाएगी।
खंडवा उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने प्राथमिक तौर पर अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। इसके साथ ही प्रदेश की खाली हुई जोबट, पृथ्वीपुर और रैगांव विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी नजर आने लगी है। खंडवा के सांसद नंदकुमारसिंह चौहान के निधन के बाद खाली हुई सीट को भाजपा के लिए काफी अहम माना जा रहा है। दमोह उपचुनाव में हुई हार के बाद भाजपा ने अभी तक यहां से अपने उम्मीदवार को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन यहां स्थानीय उम्मीदवार को टिकट देने की बात उठ रही है। दूसरी ओर अरूण यादव कांग्रेस की ओर से लगभग तय है। कोई दूसरा नाम सामने न आने के कारण और खंडवा क्षेत्र में अरूण यादव की सक्रियता के कारण कांग्रेस उन्हें जल्द ही अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है, ताकि उन्हें पूरा वक्त मिले। इसी सप्ताह भोपाल में कांग्रेस की अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में एक लोकसभा और 3 विधानसभा उपचुनाव के नामों पर चर्चा होगी। जिन नामों पर कोई विरोध नहीं होगा, उनका नाम भी घोषित किया जा सकता है। संभवत: यह बैठक 24 से 26 जून के बीच हो सकती है। बैठक में कांग्रेस के प्रभारी भी मौजूद रहेंगे। इसी बैठक में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है।
ढाई लाख था हार का अंतर
वैसे अरूण यादव यहां 2009 में नंदकुमारसिंह चौहान से ही चुनाव जीतकर सांसद बने थे, लेकिन बाद में 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2014 के चुनाव में चौहान ने अरूण यादव को करीब 50 हजार वोटों से मात दी थी और उसके बाद 2019 में अरूण यादव को कड़ी हार का सामना करना पड़ा था, जब चौहान ने उन्हें करीब ढाई लाख वोटों से हरा दिया था। वैसे अरूण यादव ने क्षेत्र में अपनी सक्रियता नहीं छोड़ी और एक बार फिर वे तैयार हैं। हालांकि अभी तय नहीं है कि भाजपा की ओर से उम्मीदवार कौन होगा?