रायपुर। राज्य शासन द्वारा ऐसे बच्चों के लिए महतारी दुलार योजना प्रारंभ की गई है, जिनके परिवार के कमाने वाले सदस्य की मृत्यु कोरोना के कारण हुई है। ऐसे बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने की व्यवस्था की जाएगी और जो बच्चे स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ना चाहते हैं, उन्हें इन स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप इस योजना के अंतर्गत शासकीय और निजी सभी प्रकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को लाभान्वित किया जाएगा। इस योजना में कक्षा पहली से आठवीं के लिए छात्रवृत्ति की दर 500 रूपए प्रतिमाह और कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए छात्रवृत्ति की दर 1000 रूपए प्रतिमाह है। छात्रवृत्ति के लिए बजट प्रावधान सामान्य प्रशासन विभाग के बजट में किया जा रहा है।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इसके लिए संबंधित अधिकारियों को व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देश में कहा गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग से तत्काल इस योजना में छात्रवृत्ति देने के लिए बजट आबंटन प्राप्त करें। योजना के क्रियान्वयन के लिए सभी कलेक्टरों को पात्र हितग्राही बच्चों की सूची तैयार करने के निर्देश पूर्व में दिए जा चुके हैं। कलेक्टरों से कहा गया है कि यह सुनिश्चित करें कि योजना के पात्र बच्चों की सूची तैयार हो जाए और कोई बच्चा छूटे नहीं। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मिलकर कार्य करें।
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इस योजना के पात्र हितग्राही बच्चों से संपर्क करके छात्रवृत्ति का फार्म भरवाया जाए। फार्म में बच्चे का बैंक विवरण और बच्चे के अवयस्क होने की स्थिति में बच्चे के पालक का बैंक विवरण प्राप्त किया जाए। आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा छात्रवृत्ति की राशि प्रतिमाह सीधे बच्चों के बैंक खाते में अंतरित करने की व्यवस्था की जाए। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बच्चों और उनके पालकों से संपर्क करके स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा अथवा स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने के संबंध में उनकी च्वाईस पूछी जाए और उनकी च्वाईस के अनुसार व्यवस्था की जाए। इस योजना के पात्र सभी बच्चों की मॉनीटरिंग करने के लिए एनआईसी की सहायता से एक साफ्टवेयर का निर्माण किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि यह सभी कार्य जून माह के अंत तक पूरे हो जाए।