मास्को । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात से ठीक पहले रूस ने प्रशांत महासागर में नौसैनिक युद्धाभ्यास शुरू किया है। बताया जा रहा है कि सोवियत संघ के समय हुए ‘शीतयुद्ध’ के बाद रूस का यह सबसे बड़ा जंगी अभ्यास है। रूसी नौसैनिक जहाजों को प्रशांत महासागर में अभ्यास के दौरान शत्रु की पनडुब्बी का शिकार करते देखा गया है। अभ्यास में 20 जंगी जहाज, सबमरीन, फाइटर जेट और मदद के लिए कई अन्य जहाज तैनात हैं।
राष्ट्रपति पुतिन 16 जून को बाइडन के साथ स्विटजरलैंड में मुलाकात करने वाले हैं। यह शिखर बैठक उस समय पर हो रही है जब रूस के यूक्रेन की सीमा के पास सेना भेजने, अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप, जासूसी और कई अन्य मुद्दों को लेकर दोनों ही देशों के बीच में तनाव चल रहा है। इस तनाव के बाद भी पुतिन -बाइडन के साथ बैठक से ठीक पहले अपने सैन्य शक्ति के प्रदर्शन से हिचके नहीं। 20 जंगी जहाजों के अलावा लंबी दूरी तरह तक सबमरीन को तबाह करने वाले विमान, मिग-31 बीएम फाइटर जेट और कई अन्य फाइटर जेट इस अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी वीडियो में नजर आ रहा है कि रूसी जहाजों का बेड़ा दुश्मन पनडुब्बी को तबाह करने का अभ्यास करते नजर आ रहा है।
समुद्र के नीचे छिपी पनडुब्बियों को खोज निकालने के अभियान का नेतृत्व एंटी सबमरीन शिप एडमिरल पंटलीव ने किया। यह जंगी जहाज गाइडेड मिसाइलों से लैस है। उसके साथ कई फ्रीगेट्स भी मौजूद थे। रूसी नौसेना के शीर्ष अधिकारी एडमिरल विक्टर क्रावचेन्को ने कहा कि सोवियत संघ के विघटन के बाद इससे बड़ा अभ्यास अभी तक नहीं हुआ था। रूस यह अभ्यास प्रशांत महासागर में कर रहा है जिसके दूसरी ओर अमेरिका है।