Home मध्य प्रदेश तीसरी लहर को रोकना भी है और दुनिया भी चलानी है

तीसरी लहर को रोकना भी है और दुनिया भी चलानी है

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भोपाल।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस समय हमारे सामने दोहरी चुनौती है। कोविड-काल में आप लोगों ने अपने प्रभार के जिलों में कोविड संक्रमण रोकने के लिए निरंतर कार्य किया है। उसी का परिणाम है कि जनता के सक्रिय सहयोग से मध्यप्रदेश ने कोरोना संक्रमण पर लगभग पूर्ण नियंत्रण पाया है। अब हमें अपनी पूरी ताकत इस बात के लिए लगा देनी है कि मध्यप्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर आए ही नहीं और अगर आती भी है तो उसका प्रभाव नगण्य रहे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना के कारण जन-जीवन प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है और विकास की गति रूक सी गई है। हमें जन-जीवन को सामान्य करना है और विकास को गति देनी है। आने वाले समय में स्वास्थ्य के साथ ही रोजगार, शिक्षा और सभी वर्गों का कल्याण हमारी प्राथमिकता रहेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना नियंत्रण के प्रदेश के जन-भागीदारी मॉडल की सर्वत्र सराहना हुई है। आने वाले समय में हमें न केवल कोरोना संक्रमण को प्रदेश में आने नहीं देना है, बल्कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप को गति देकर नए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के सपने को पूरा करना है। मैं या तुम नहीं हम मिलकर बनायेंगे प्रदेश का इतिहास।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज इछावर, सीहोर में मंत्रि-परिषद के सदस्यों के साथ अनौपचारिक बैठक में कोरोना नियंत्रण सहित विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार-मंथन किया। मंथन में मंत्रि-परिषद के सभी सदस्य शामिल हुए।

तीसरी लहर को रोकने के लिए जागरूकता एवं सतर्कता आवश्यक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को रोकने, उसके प्रभाव को न्यूनतम करने के लिए पुख्ता रणनीति पर काम करना होगा। वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए अनुमान है कि अगले तीन या चार माह में तीसरी लहर आने की आशंका है। अनलॉक के परिणामस्वरूप गतिविधियों के बढ़ने और सावधानी का पालन नहीं करने से तीसरी लहर की संभावना बढ़ेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमें जागरूक तथा लगातार सतर्क रहना होगा। कोरोना अनुकूल व्यवहार का पालन करने, मास्क लगाने, दूरी बनाए रखने, भीड़ नहीं लगाने और बार-बार हाथ धोने के लिए लोगों को प्रेरित करना होगा। इसमें क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों की महत्वूपर्ण भूमिका है।

यह होगी भावी कोरोना नियंत्रण रणनीति

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए सभी जिलों में कोरोना टेस्ट जारी रहेंगे। प्रतिदिन 75 हजार से अधिक टेस्ट सुनिश्चित किए जाएँगे, ताकि किसी भी कोने में यदि कोई पॉजिटिव प्रकरण है, तो उसकी तत्काल पहचान की जा सके। टेस्ट रिपोर्ट एक दिन में आए, ऐसी व्यवस्था की गई है। जो भी व्यक्ति पॉजिटिव आएगा, उसकी कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाएगी और पॉजिटिव व्यक्ति को होम आयसोलेशन में या कोविड केयर सेंटर में रखकर उपचार किया जाएगा। प्रदेश में किल-कोरोना अभियान जारी रहेगा। सर्दी, खाँसी, जुकाम से प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति की पहचान करवाकर उसका नि:शुल्क इलाज सुनिश्चित किया जाएगा।

तीसरी लहर के लिए व्यवस्थाएँ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में तीसरी लहर का सामना करने के लिए आवश्यक अधो-संरचना तैयार की जा रही है और व्यवस्थाएँ बनाई जा रही हैं। स्वास्थ्य अधो-संरचना को सुदृढ़ करने के लिए गतिविधियाँ जारी हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था, बेड बढ़ाने, आईसीयू वार्ड निर्माण, पैरा-मेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जहाँ एक या दो घरों में संक्रमण है वहाँ माइक्रो कंटेनमेंट एरिया बनाकर संक्रमण को वहीं समाप्त किया जाए।

बच्चों के उपचार के लिए व्यवस्थाएँ

तीसरी लहर में बच्चों के अधिक प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। अत: बाल रोग विशेषज्ञों की उपलब्धता बढ़ाने, पैरा-मेडिकल स्टाफ को बच्चों के इलाज, टीकाकरण और अन्य प्रक्रियाओं के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। बच्चों के लिए आई.सी.यू वार्ड, ऑक्सीजन बेड्स आदि बढ़ाने, पर्याप्त उपकरण, दवाओं और उपचार सामग्री उपलब्ध कराने के लिए सभी जिलों में कार्य जारी हैं।

वातावरण निर्माण आवश्यक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि तीसरी लहर को रोकने में कोरोना अनुकूल व्यवहार का पालन करना आवश्यक है। इसके लिए ग्राम, वार्ड स्तर पर वातावरण निर्माण करना होगा। स्थानीय भाषा में स्लोगन, नारों, आकर्षक वाक्यों का उपयोग किया जाए। बैनर, होर्डिंग्स, वॉल-पेंटिंग से लोगों को मास्क लगाने, दूरी बनाने आदि के लिए प्रेरित करें। वाइस मैसेज, वीडियो मैसेज के माध्यम से भी लोगों को प्रेरित करें। तीसरी लहर से बचाव में टीकाकरण भी बहुत प्रभावी है। सभी मंत्रीगण, सांसद, विधायक, क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य, कोरोना वॉलेंटियर, जन-अभियान परिषद और आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहित सारा मैदानी अमला मिलकर टीकाकरण के लिए वातावरण बनाएँ, इसे अभियान का रूप दें। जन-जातीय क्षेत्रों में लघु वन उपज संघ और वन समितियों को भी अभियान में सम्मिलित किया जाए।

टीम वर्क से हुआ कोरोना पर नियंत्रण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण आपके सहयोग, परिश्रम और समर्पण के परिणाम-स्वरूप ही संभव हो पाया। आज कोरोना के मात्र 242 प्रकरण आए हैं। पॉजिटिविटी रेट 0.3% है। यह सब टीम वर्क का परिणाम है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसके लिए सभी मंत्रीगण को साधुवाद दिया।

आय के वैकल्पिक स्त्रोतों के लिए मंत्री-समूह

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश की आर्थिक स्थिति प्रभावित हुई है। आय के अन्य स्त्रोत और वैकल्पिक व्यवस्था कर कमी पूरी की जाएगी। राजस्व का मितव्ययता से उपयोग किया जाएगा और बेहतर वसूली सुनिश्चित की जाएगी। इस दिशा में निरंतर प्रयास और बेहतर प्रबंधन से हम लक्ष्य के अनुरूप व्यवस्था जारी रखेंगे। आय के अन्य स्त्रोतों को चिन्हित करने और वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर प्राप्त सुझावों को संकलित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए मंत्री-समूह गठित किया जाएगा। मंत्री-समूह जून अंत तक अपनी रिपोर्ट देगा।

स्कूल और कॉलेज स्तर पर शिक्षा व्यवस्था

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस पर भी विचार करना है कि कोविड निर्मित परिस्थितियों में स्कूल और कॉलेज स्तर पर शिक्षा व्यवस्था कैसी होगी। इसमें तकनीक का किस सीमा तक और किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है। इन परिस्थितियों में और क्या नवाचार या पहल हो सकती हैं, यह भी सोचना होगा।

स्वास्थ्य एवं शिक्षा में सुधार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में नए उप, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और सी.एम. राइज स्कूल स्थापित किए जाने है। ये केन्द्र बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करेंगे और विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराएँगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्रों और स्कूलों की स्थापना में मानवीय दृष्टिकोण से काम लिया जाए। जिन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं और शालाओं की कमी है, वहाँ प्राथमिकता के आधार पर केन्द्र स्थापित किए जाएँ। सी.एम. राइज स्कूल में नई शिक्षा नीति के सभी प्रावधानों को लागू किया जाएगा।

सभी वर्गों के कल्याण के लिए योजनाएँ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गरीब, किसान, माताओं, बहनों और बच्चों के कल्याण की योजनाओं पर भी सुझाव आमंत्रित हैं। प्रदेश में विकास गतिविधियाँ और जन-कल्याण के कार्यक्रम निरंतर जारी रहेंगे। इनके लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था करना होगी। आय के अन्य स्रोतों और वैकल्पिक व्यवस्था के संबंध में विचार करना होगा। गरीबों के कल्याण और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने पर विचार करना होगा।

एक माह में एक लाख युवाओं को रोजगार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में एक माह में एक लाख युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कार्य-योजना तैयार की जाएगी। इसके तहत केवल शासकीय नौकरियों में ही नहीं बल्कि युवाओं को निजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किए जाएँगे। इसके तहत मनीओरिएंटेड कोर्सेज़, पशुपालन, डेयरी विकास, लोहारी, गार्डनिंग आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभिन्न लघु एवं कुटीर उद्योगों के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

तेज गति से टीकाकरण

प्रदेश में टीकाकरण गतिविधियों को विस्तार देने की आवश्यकता है। इसे प्रदेश में अभियान का रूप देकर रिकार्ड समय में पूर्ण करना है। वैक्सीनेशन सुरक्षा चक्र है। प्रदेश में कोरोना को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान का अभिनव मॉडल प्रस्तुत करना है।

जुलाई से प्रारंभ होगा त्रि-दिवसीय वैक्सीनेशन महाअभियान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में एक से 3 जुलाई के मध्य वैक्सीनेशन के लिए त्रि-दिवसीय महा अभियान प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने कहा मैं, मंत्री-मंडल के सभी सदस्य, कोरोना वॉलिंटियर्स, क्राइसिस कमेटी के सदस्य, सड़क पर उतरकर जनता से अपील करेंगे कि वैक्सीनेशन अवश्य कराएँ। इसके लिए होर्डिंग्स, बैनर्स, वॉल पेंटिंग, वीडियो स्पाट्स आदि के माध्यम से वैक्सीनेशन का व्यापक भरपूर प्रचार-प्रसार कराया जाए, जिससे अधिक से अधिक लोग वैक्सीनेट हो सकें।

अब थैले में दिया जाएगा उचित मूल्य दुकान से राशन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गरीबों को नि:शुल्क राशन प्रदाय किया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा नि:शुल्क राशन प्रदाय नवम्बर माह तक के लिए बढ़ा दिया गया है। अब उचित मूल्य दुकान से राशन थैले में दिया जाएगा। थैले पर टीकाकरण और अन्य योजनाओं के संबंध में संदेश भी अंकित होंगे।

जारी रहेगा सिलसिला

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मंत्री-मंडल की पिछली बैठक 5 जनवरी को कोलार डैम पर हुई थी, जिसमें यह तय हुआ था कि हर छ: महीने में इस प्रकार की अनौपचारिक बैठक होगी, परंतु कोरोना के कारण यह संभव नहीं हो पाया। आगे सिलसिला जारी रहेगा।

बैठक का प्रारंभ वंदे-मातरम के गान के साथ हुआ। कोरोना संक्रमण में दिवंगत व्यक्तियों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनिट का मौन रखा गया।

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