भोपाल । शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में जीव विज्ञान के सह विषयों (माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी व बायोकेमिस्ट्री) को अमान्य किए जाने के कारण इन विषयों के चयनित अभ्यर्थियों ने ट्विटर व ई-मेल के माध्यम से राज्यपाल व मुख्यमंत्री से इच्छामृत्यु की मांग की है। दस्तावेज सत्यापन में रिजेक्ट होने के बाद इन अभ्यर्थियों द्वारा ‘बायो में नियुक्ति या जीवन से मुक्ति’ अभियान चलाया जा रहा है। मप्र में इन दिनों स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से उच्च माध्यमिक व माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन इस दौरान शिक्षक भर्ती को लेकर विवाद खत्म होने के बजाय बढ़ता जा रहा है। एक अभ्यर्थी संतोष पांडेय ने बताया कि विभाग के इस रवैये से अभ्यर्थी बीते एक साल से मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं। इस संबंध में अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राज्यपाल के नाम ईमेल किए हैं। साथ ही ट्विटर पर ‘बायो में नियुक्ति या जीवन से मुक्ति’ नाम से अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 350 से अधिक अभ्यर्थियों ने ई-मेल तथा ट्वीट कर इच्छामृत्यु की मांग रखी है।स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार द्वारा विगत दिनों स्वीकारते हुए कहा गया था कि नोटिफिकेशन में कुछ चीजें छूट गई थी, इसलिए उन्हें जिलों में अपात्र किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा था कि कुछ गलती हुई है, जिसका निराकरण किया जा रहा है। लेकिन दूसरी ओर विभाग इस विषय में कोई संज्ञान लेने के बजाय अपने ही विभागीय मंत्री की बातों को नजरअंदाज कर रहा है। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा 10 जून को एक नया आदेश जारी किया गया है। इसमें चयनित श्रेणी में रखे गए अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की पुन: जांच की जाना है। इस आदेश में स्पष्ट लिखा है कि ‘सह’ विषय मान्य नहीं किया जाए। इस निर्णय से डेढ़ हजार से ज्यादा चयनित अभ्यर्थी प्रभावित हुए हैं।