रायपुर। प्रदेश के नये जिले गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के ग्रामीण भी राज्य शासन की योजनाओं का लाभ लेने में आगे हैं। शासकीय योजनाओं से मिली सहायता से ये ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। आज इस जिले के गौरेला विकासखण्ड के अंधियारखोर बरगांव की श्रीमती विनय कुमारी ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को लोकार्पण और भूमिपूजन के वर्चुअल कार्यक्रम में बताया कि उन्हें राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिला है। विनय कुमारी ने बताया कि समर्थन मूल्य पर 635 क्विंटल धान बेचा था, राजीव गांधी किसान न्याय योजना की प्रथम किश्त के रूप में उन्हें एक लाख 4 हजार रूपए की राशि मिली है। इसका उपयोग वे खेती-किसानी के लिए करेंगी। गौरेला जनपद के देवरगांव के दरबारी लाल बैगा ने बताया कि वे अपने खेत में धान की खेती करते थे, इस बार उन्होंने धान के बदले कोदो लगाने का फैसला किया है। इसका बीज कृषि विभाग से मिल रहा है।
वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन करने वाले पेण्ड्रा जनपद के बारीउमराव गांव के नंदिनी महिला स्व-सहायता समूह की श्रीमती शांति मरावी ने बताया कि उनके समूह द्वारा 153.8 किलो वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया था। वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री से उन्हें 51 हजार 238 रूपए की राशि मिली है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके समूह द्वारा स्टेशनरी का काम भी किया जा रहा है। रजिस्टर और फाईल समूह द्वारा बनाई जाती है। उन लोगों ने 3 लाख 17 हजार की स्टेशनरी सामग्री की बिक्री की, जिसमें उन्हें 50 हजार 250 रूपए का लाभ मिला। उन्होंने गांव-गांव में महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की ग्रामीण महिलाएं योजनाओं का लाभ ले रही हैं। उनमें आत्मविश्वास दिखाई दे रहा है। महिलाएं व्यापार भी कर रही हैं और आर्थिक दृष्टि से मजबूत भी हो रही हैं। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि छत्तीसगढ़ की हर महिला हुनरमंद बनें, ताकि हमारा छत्तीसगढ़ समृद्ध हो।
मरवाही विकासखण्ड के ग्राम डोंगरिया के आदि शक्ति किरण महिला स्व-सहायता समूह की श्रीमती तंत्रिका बाई केवरा ने बताया कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत उनका समूह 4.04 एकड़ में फलदार वृक्षों जामुन, कटहल, अमरूद जैसी प्रजातियों के पौधे लगा रहे हैं। अभी 195 पौधे लगाए हैं और भी पौधे लगाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में यदि साल भर बाद पौधे जीवित रहते हैं तो उन्हें 10 हजार प्रति एकड़ के मान से 3 साल तक प्रोत्साहन राशि मिलेगी। उसके बाद जब फल आएंगे, उनकी बिक्री करके भी वे अतिरिक्त लाभ कमाएंगे। पेण्ड्रा विकासखण्ड के साल्हेटोली की श्रीमती मंगली बाई बैगा ने बताया कि उन्हें आधा हेक्टेयर जमीन पर वन अधिकार मान्यता पत्र मिला है। मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि जिस भूमि का उन्हें अधिकार मिला है उसका क्या करेंगी? मंगली बाई ने बताया कि जमीन पर वे कोटो-कुटकी बोएंगी। मुख्यमंत्री ने दरबारी लाल को बताया कि जो किसान धान के बदले दूसरी फसल ले रहे हैं। उन्हें राजीव गांधी किसान न्याय योजना में प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी मिलेगी। श्री बघेल ने उनसे कहा कि कोदो का उन्हें धान से ज्यादा रेट मिलेगा। कोदो का समर्थन मूल्य 3 हजार रूपए प्रति क्विंटल है। उल्लेखनीय है कि गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत बैगा तथा अनुसूचित जनजाति के 723 किसानों को 300 हेक्टेयर में कोदो की खेती के लिए निःशुल्क बीज का वितरण किया जा रहा है। शासकीय हाई स्कूल पेण्ड्रा की कक्षा 8वीं की छात्रा मुस्कान सोनवानी ने बताया कि उन्हें स्थायी जाति प्रमाण पत्र मिल गया है। जो उन्हें आगे बहुत काम आएगा, इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।