धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
अक्सर आपने सुना होगा की पुलिस वाले अपने जेब से कभी रुपए नहीं निकालते। लेकिन यह रायगढ़ पुलिस है जिसकी वर्दी तो कड़क है लेकिन दिल बेहद नरम। हम बात कर रहे हैं रायगढ़ कोतवाली थाना प्रभारी मनीष नागर की जिन्हें रायगढ़ पुलिस के मिल्खा के नाम से भी जानते हैं। मिल्खा इसलिए क्योंकि, यह तेजी से अपने सभी केसेस को साल्व कर देते हैं। अब इनकी ओर से एक मरीज को पहुंचाए गए आर्थिक मदद की खबर चर्चा में है। टीआई मनीष नागर को यह सूचना मिली कि रूपेंद्र पटेल हॉस्पिटल में भर्ती किडनी के मरीज का बैग गायब हो गया है। ऐसे में वे स्वयं अस्पताल पहुंचे और न केवल उस मरीज को उसके गायब हुए बैग को खोजने का आश्वासन दिया बल्कि उसके इलाज के लिए स्वयं के पास से ₹ 5000 दिए ताकि मरीज के इलाज में किसी प्रकार की अडचन न पैदा हो। एक थानेदार की ओर से इस प्रकार के व्यवहार की उम्मीद अमूमन लोगों को नहीं होती है, लेकिन जब थानेदार नागर ने मरीज को रुपए पकड़ाए तो उसकी और उसके परिजनों की खुशी उनकी आंखों से छलक आई। मनीष नागर के लिए यह कोई पहला वाकया नहीं था बल्कि, ऐसी विकट परिस्थितियों में मनीष नागर अपने संवेदनशील हृदय का कई बार उदाहरण दे चुके हैं। हां इनकी खासियत यह है कि ये ऐसे सामाजिक कार्य साइलेंट वर्क के रूप में करते हैं। टीआई मनीष नागर ने कहा कि ड्यूटी के साथ-साथ मानवता की सेवा भी की जानी चाहिए। इसी उद्देश्य से मुझसे जो कुछ बन पड़ता है मैं अपना कर्तव्य समझकर करता हूं।