रायपुर, । पति को खोने का गम और परिवार संभालने की जिम्मेदारी किसी महिला के लिए पहाड़ टूटने के समान होता है। अपने परिजनों को खोने का गम और उससे उपजी विकट परिस्थितियांे का सामना करना किसी चुनौती से कम नहीं है। कोरोना काल में ऐसी कई घटनाएं हुई जहां लोगों ने अपने स्वजनांे को खोया है। राज्य सरकार ने मानवीय आधार पर ऐसी आपदा पर संवेदनशील पहल करते हुए अनुकंपा नियुक्ति में शिथिलीकरण का जो फैसला लिया है, उससे ऐसे कई दिवंगत शासकीय कर्मचाारियों के परिवारों को बड़ी राहत मिली है। बेमेतरा जिले के शासकीय मिडिल स्कूल कोदवा में पदस्थ शिक्षक स्व. श्री गणेश साहू (42 वर्ष) की कोरोना बीमारी की वजह से असमय मृत्यु हो गई थी। ऐसी दुखद परिस्थितियों का सामना कर रहे स्व. श्री साहू के परिवार को सरकार के इस राहत भरे फैसले की वजह से उनकी धर्मपत्नी श्रीमती नीतू साहू को पति के मृत्यु के दो हफ्ते के भीतर ही सहायक शिक्षिका के पद पर नियुक्ति का आदेश मिल गया। उन्होंने अपनी नौकरी ज्वाइन भी कर ली है। शासन के इस राहत भरे फैसले पर श्रीमती नीतू ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि पति के न होने से परिवार का अधूरापन कभी खत्म नहीं होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अभिभावक की भूमिका निभाते हुए अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की।