भोपाल । बंगाल की खाड़ी में 11 जून को एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। इस सिस्टम के प्रभाव से 12 जून से राजधानी सहित प्रदेश के जबलपुर, शहडोल, होशंगाबाद, संभाग के जिलों में भारी बरसात का दौर शुरू होने की संभावना है। अरब सागर के साथ ही बंगाल की खाड़ी में जबरदस्त हलचल के चलते मध्यप्रदेश में मानसून के दस्तक देने की उलटी गिनती शुरू हो गई है। इसके तहत मानसून पूर्व की गतिविधियों में तेजी आ गई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक मौजूदा स्थिति को देखते हुए दक्षिण-पश्चिम मानसून इस बार तय तारीख से पहले आमद दर्ज करा सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में असम, गुजरात में ऊपरी हवा के चक्रवात बने हुए हैं। साथ ही अरब सागर से भी लगातार नमी आ रही है। जिसके चलते प्रदेश में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने का सिलसिला जारी हैं। इन गतिविधियों में और तेजी आने की संभावना है। शुक्ला के मुताबिक अरब सागर से बढ़े मानसून के तीन दिन के अंदर समूचे महाराष्ट्र में छा जाने की संभावना है। इस वजह से मानसून के मप्र में तय तारीख से पहले प्रवेश करने की भी पूरी संभावना है। मप्र में मानसून आने की तारीख 16 जून निर्धारित की गई है। भोपाल में मानसून की तारीख 20 जून तय की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ममता यादव ने बताया कि अरब सागर से आगे बढ़े मानसून ने उत्तर-पूर्व के कई राज्यों में उपस्थिति दर्ज करा दी। मानसून बंगाल की खाड़ी वाले हिस्से में बागडोगरा तक पहुंच गया है। अरब सागर क्षेत्र में में पश्चिमी और बंगाल की खाड़ी में तीव्र दक्षिण-पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। इससे मानसून के लगातार आगे बढ़ने के लिए स्थितियां काफी अनुकूल बनी हुई हैं। अगले दो-तीन दिन में मानसून के महाराष्ट्र के शेष बचे हिस्सों को भी कवर करने आसार हैं। उधर बंगाल की खाड़ी में 11 जून को एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। इस सिस्टम के आगे बढ़ते ही मानसून, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ के रास्ते आगे बढ़ने लगेगा। इस सिस्टम के असर से 12 जून से मप्र में भी तेज बौछारें पड़ने का सिलसिला शुरू होने की संभावना है। विशेषकर जबलपुर, शहडोल, होशंगाबाद, भोपाल संभाग के जिलों में 12 से 15 जून तक कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है।