जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। नगर पंचायत क्षेत्रान्तर्गत प्रमुख चौक चौराहों तथा तहसील कार्यालय बाउंड्रीवाल के साथ अतिक्रमण कर छोटे छोटे व्यवसायी दुकानदारी कर अपना जीवन यापन कर रहे थे।2012 में जिलाध्यक्ष के अतिक्रमण हटाओ के सख्त निर्देश के उपरांत जिले के अन्य निकायों की तरह तोड़ फोड़ न कर नियमों निर्देशों का पालन किया गया।तत्कालीन नगर निकाय के परिषद द्वारा संकल्प पारित कर इन दुकानदारों को निर्माण राशि जमा कर नगर पंचायत द्वारा जगह खोज कर दुकान निर्माण कर आबंटन करने का निर्णय लिया गया था। जो साप्ताहिक बाजार वार्ड 9 में 7200 वर्गफीट में 60 दुकान का ठेकेदार के माध्यम से कराया गया है।छोटे छोटे दुकानदारों के द्वारा एक लाख से दो लाख तक राशि किश्तों के माध्यम से जमा करवा लिया और इसी राशि से निर्माण कराया गया परन्तु निर्माण के 6 वर्ष बीत जाने के बाद आज तक हितग्राही को आबंटन हो न सका। छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवँ आपदा प्रबंधन विभाग रायपुर के पत्र क्रमांक एफ 4-24/सात -1/2020 दिनाँक 8/6/20 जिसमें नगरीय निकायों में शासकीय भूमि पर निर्मित दुकानों एक रुपये प्रति वर्गफीट की दर पर शासकीय भूमि आबंटन करने निर्देशित किया है। इसी तारतम्य में नगर पंचायत द्वारा तहसीलदार व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के प्रतिवेदन देकर उक्त 7200 वर्गफीट भूमि नजूल टाउन धरमजयगढ़ वार्ड 9 खसरा नम्बर 1675 रकबा 8.96 हेक्टेयर में से आबंटन करने की मांग किया गया है।तत्सम्बन्ध में तहसील कार्यालय द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय रायगढ़ विद्युत विभाग धरमजयगढ़, लोकनिर्माण विभाग उपसंभाग धरमजयगढ़ से भूमि आबंटन करने एनओसी व अभिमत मांगकर विधिवत 28/2/21 के एवँ वार्षिक भू भाटक राशि नगर पंचायत को जमा करने निर्देशित किया है। जिसे निकाय द्वारा अप्रैल के प्रथम सप्ताह में चालान के माध्यम से जमा कर दिया है।निर्माण के लंबे अंतराल व तत्कालीन नगरीय निकाय की बॉडी द्वारा नियमानुसार हितग्राही को दुकान आबंटन न कर पाने तथा नया बॉडी जनवरी 2020 में पहुंचते ही अध्यक्ष के नेतृत्व में पार्षदों द्वारा विधायक व निकाय मंत्री से गुहार लगाया गया।तथा जिलाध्यक्ष से निवेदन किया गया।इसी बीच शासन का एक रुपया दर पर भूमि आबंटन का निर्देश जारी हुआ उपरोक्त दुकान का प्राकलन एक लाख आठ हजार प्रति दुकान 18 प्रतिशत विलो दर प्रति दुकान निर्माण खर्च 88 हजार आता है।पर उस समय के अधिकारी व परिषद के द्वारा ठेकेदार व स्वयं लाभ कमाने के लिए पुनः प्राकलन तैयार कर प्रति दुकान 1 लाख 80 हजार पहुंचा दिया ठेकेदार को भुगतान इन हितग्राहियों से वसूली कर किया गया।परन्तु निर्माण के चार वर्ष तक दुकान को आबंटन नहीं किया गया। नई परिषद का गठन भी 2 वर्ष होने जा रहा है किस नियम के तहत किस तरीके से हितग्राही को दुकान आबंटन करे नगर पालिका अधिकारी दुविधा में है।तथा 6 वर्षों से निर्मित दुकान आबंटन न होने के कारण जर्जर होते जा रहा है और हितग्राही परेशान हो रहा है।