वॉशिंगटन । अल्जाइमर के करोड़ों मरीजों के लिए खुशखबरी है। अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन ने अल्जाइमर के मरीजों के इलाज के लिए एक नई दवा को मंजूरी दे दी है। अल्जाइमर की इस दवा का नाम ए़डुहेल्म (एडुकेनमब) है। पिछले 20 साल में ऐसा पहली बार है, जब अल्जाइमर के इलाज के लिए किसी दवा को मंजूरी दी गई है। यह ऐसी पहली दवा है, जो बीमारी की प्रगति को रोक देती है। इस दवा के निर्माण से जुड़े डॉ बबाक तोउसी ने बताया कि पिछले 20 साल में ऐसा पहली बार है, जब हमने अल्जाइमर के किसी दवा को मंजूरी दी है।
इस दवा को बॉयोटेक्नॉलजी कंपनी बायोजेन ने बनाया है। इस बीच दवा को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस दवा से गंभीर साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। अमेरिकी एफडीए ने भी दवा को मंजूरी देते समय इस विवाद को माना है। अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन ने कहा है कि इस दवा के समर्थन में दिए गए आंकड़े ‘बहुत जटिल’ हैं और फायदे को लेकर अनिश्चितता से भरे हुए हैं। अब एफडीए कंपनी से बड़े पैमाने पर नया और विशाल पैमाने पर क्लिनिकल ट्रायल करने के लिए कहेगी ताकि इस दवा के फायदों के बारे में ठोस आंकड़े मिल सकें। अगर ट्रायल में दवा फायदेमंद नहीं मिली तो उसकी मंजूरी को रद्द कर दिया जाएगा।
कंपनी का दावा है कि यह ऐसी पहली दवा है जो अल्जाइमर बीमारी के प्रगति को रोक देती है। इस दवा की मंजूरी से दुनियाभर में अल्जाइमर के मरीजों की आस बंधी है। बता दें कि केवल भारत में ही अल्जाइमर से पीड़ित मरीजों की संख्या 15 लाख से अधिक है। अल्जाइमर एक मानसिक रोग होता है, जिससे पीड़ित व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है। वह व्यक्ति चीजों और घटनाओं के बारे में भूलने लगता है।
जब यह रोग अडवांस्ड स्टेज में पहुंच जाता है तो रोगी अपने परिवार के सदस्यों को भी भूलने लगता है। अल्जाइमर का रोग कुछ भी याद नहीं रख पाता। यहां तक कि अपने परिवार, रिश्तों और घर का पता तक भूल जाता है। इस स्थिति में रोगी को हर समय एक केयर-टेकर की जरूरत होती है। क्योंकि वे बिना कुछ सोच-समझे बस यूं ही कहीं भी चले जाते हैं और भूल जाते हैं कि आखिर वे कौन हैं और कहां जा रहे हैं।