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कोरोना से जुड़ी जानकारी साझा करने का दबाव चीन पर बनाते रहेंगे: अमेरिका

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वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने कहा कि कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में जानकारी देने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर चीन पर दबाव बनाना जारी रखेगा। इसके साथ ही अमेरिका अपने स्तर पर समीक्षा एवं प्रक्रिया को भी जारी रखेगा। उन्होंने व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में कहा, चीन कहता है कि वह इसमें शामिल नहीं होगा तो ऐसा नहीं होगा कि हम खड़े रहकर केवल यह देखते रहें और उसकी इस बात को मान लें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन पदभार संभालने के बाद इस सप्ताह अपनी पहली विदेश यात्रा पर जब विदेश के नेताओं से मिलेंगे तो यह भी बातचीत का एक विषय होगा। इस बीच कांग्रेस में गवाही के दौरान विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने कहा कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर दो संभावित परिदृश्य हैं। पहला यह कि वायरस प्रयोगशाला से निकला है और दूसरा यह कि वायरस प्राकृतिक रूप से पैदा हुआ।

  सदन की विदेशी मामलों की समिति के सदस्य स्टीव चाबोट के एक सवाल के जवाब में ब्लिंकन ने कहा, जो कुछ हुआ, उसकी तह तक जाने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन ने विस्तृत समीक्षा के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, प्रारंभिक समीक्षा मार्च में शुरू हुई थी। जो निष्कर्ष निकले उनके मुताबिक इन्हीं दो में से कोई एक परिदृश्य हो सकता है। अब उन्होंने पूरी सरकार से कहा है कि 90 दिन के भीतर वह खूब गहराई में जाए और हमारे पास जो कुछ भी है उसका पता करे, विशेषज्ञों के साथ मिलकर जानने की कोशिश करे कि क्या हम कुछ ठोस निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं। ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका इसी के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन पर भी दबाव डाल रहा है कि वायरस की उत्पत्ति को समझने के लिए अपने दूसरे चरण के अध्ययन को आगे बढ़ाए। कांग्रेस सदस्य चाबोट ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने साफ कर दिया है कि चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) को आर्थिक आजादी होना अमेरिकी जिंदगियों तथा समृद्धि के लिए खतरा है।उन्होंने कहा, वे हांगकांग की कानूनी और वित्त व्यवस्था को कमजोर कर रहे हैं, उइगर समुदाय के बंधुआ मजूदरों के माध्यम से आपूर्ति श्रृंखला को दूषित कर रहे हैं तथा चीन के बाजार में प्रवेश की कीमत पर निगमों से प्रौद्योगिकी ले रहे हैं। ब्लिंकन ने आरोप लगाया कि इस संकट की शुरुआत से चीन सूचना साझा करने के मामले में अपनी मूलभूति जिम्मेदारियां निभाने में विफल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआत से यही सच था। दुर्भाग्य से आज भी सच है।

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