Home मध्य प्रदेश बीई की सीटें भरने में कॉलेजों को करना पड सकता है संघर्ष

बीई की सीटें भरने में कॉलेजों को करना पड सकता है संघर्ष

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  भोपाल । चालू शैक्षणिक सत्र में प्रदेश के इंजीनियरिंग संस्थानों को अपनी बैचलर आफ इंजीनियरिंग (बीई) की सीटें भरने के लिए ज्यादा संघर्ष करना पड़ सकता है। इस बार अब तक प्रवेश प्रक्रिया को लेकर डायरेक्टोरेट आफ टेक्निकल एजुकेशन (डीटीई) की ओर से कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है। हर साल जून में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाती है और जुलाई के आखिरी तक प्रवेश प्रक्रिया का तीसरा चरण पूर्ण हो जाता है। इस साल 12वीं के परिणाम आने में भी काफी समय लग सकता है। ऐसे में निजी कालेजों ने अभी से ही विद्यार्थियों से संपर्क करना शुरू कर दिया है ताकि आदेश आते ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो सके। प्रदेश में इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश के लिए पहला राउंड जेईई मेन के परिणाम के आधार पर होता है। लेकिन इस बार इस प्रक्रिया को लेकर भी उलझन बनी हुई है। इस साल से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने जेईई मेन साल में चार बार कराने का निर्णय लिया है। दो बार की परीक्षा तो हो चुकी है और दो बार की परीक्षा होनी बाकी है। पिछले साल भी इंजीनियरिंग में प्रवेश प्रक्रिया अगस्त में शुरू हो पाई थी। इससे बीई की कुल 52 हजार सीटों में से 32 हजार ही भर पाई थीं। डायरेक्टोरेट आफ टेक्निकल एजुकेशन के अधिकारियों का कहना है कि 12वीं के परिणाम आने के बाद ही काउंसिलिंग कराने की रूपरेखा बन सकेगी। निजी कालेज के संचालक शरद सिंह सिसोदिया का कहना है कि हम प्रवेश प्रक्रिया शुरू होते ही विद्यार्थियों को प्रवेश दे सकें इसके लिए अभी से विद्यार्थियों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। विद्यार्थियों की ओर से भी पूछताछ के लिए फोन काल आ रहे हैं। इस बारे में डायरेक्टोरेट आफ टेक्निकल एजुकेशन भोपाल के काउंसिलिंग प्रभारी एसएके राव का कहना है ‎कि इस बार अगस्त या इसके बाद ही प्रवेश शुरू होने की उम्मीद है। हम 12वीं के परिणाम और जेईई मेन के परिणाम की लिस्ट मिलने के बाद ही काउंसिलिंग की तारीखें घोषित कर पाएंगे।

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