इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अगर कश्मीर में दोबारा से पुरानी स्थिति बहाल की जाती है, तो वो भारत से बात करने के लिए तैयार हैं। इमरान खान ने कहा कि अगर कश्मीर को लेकर कोई रोडमैप है तो हां, हम बात करेंगे। हालांकि, इस बारे में भारत की ओर से भी कोई कमेंट नहीं किया गया है। मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटा दिया था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी बांट कर दोनों को ही केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। हालांकि, जम्मू-कश्मीर को विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है, जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं है।
अभी कुछ दिन पहले ही इमरान खान ने कहा कि वो अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान से जाने से पहले एक राजनीतिक समझौता करने पर जोर दे रहे हैं, ताकि पड़ोसी मुल्क में गृहयुद्ध के खतरे को टाला जा सके। अमेरिका ने कहा है कि वो 11 सितंबर को अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को वापस बुला लेगा। अफगानिस्तान में पिछले दो दशकों से भी ज्यादा लंबे वक्त से अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। इस घोषणा के बाद से ही अफगानिस्तान में हिंसा तेजी से बढ़ी हैं। इमरान खान ने कहा, जब से अमेरिका ने अपने सैनिकों की वापसी की घोषणा की है, तब से तालिबान को लग रहा है कि उसने जंग जीत ली। उन्होंने कहा, अगर वहां गृहयुद्ध के हालात बनते हैं और शरणार्थी संकट खड़ा होता है तो अफगानिस्तान के बाद पाकिस्तान सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। पाकिस्तान पर लंबे समय से तालिबान के नेताओं और उसके कट्टरपंथियों को शरण देने का आरोप लगता रहा है। कहा जाता है कि 1996 में तालिबान पाकिस्तान की मदद के कारण ही सत्ता में आ पाया था। जबकि, इसी तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों से लड़ाई लड़ी थी।