धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
जनपद पंचायत धरमजयगढ़ अंतर्गत पंचायतों में कोरोना महामारी में सरपंच-सचिव और रोजगार सहायक की मिलीभगत से मनरेगा योजना के कार्यों में मजदूरों से कार्य न कराकर जेसीबी मशीनों से कार्य कराया जा रहा है। इससे मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है। वही इस कार्य को अंजाम देने ग्राम पंचायत के मनरेगा पोर्टल पर मजदूरों को आनलाइन मनरेगा के पोर्टल पर दर्शाया जा रहा है। और मौके पर एक भी मजदूरों से कार्य नहीं कराया जा रहा है। सरपंच ग्राम रोजगार सहायक एवं सचिव द्वारा मनरेगा के कार्यों में मशीनों से कार्य कराकर फर्जी जाबकार्ड में मजदूरी डालकर राशि का आहरण कर लिया जाता है।इस तरह के कई मामले धरमजयगढ़ विकासखण्ड के अधिकतर पंचायतो में देखने को मिल रहा है। इस कड़ी में हम सर्वप्रथम बात करते हैं ग्राम पंचायत सोनपुर की जहां महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत 1.273 लाख की लागत से देवनाथ पिता थान के नाम पर एक डबरी निर्माण का कार्य कराया गया है जिसे मजदरों से ना कराकर पूरा कार्य जेसीबी मशीन से कराया गया है। वहीं तकनीकी सहायक राकेश कुमार कुशवाहा, रोजगार सहायक एवं सरपंच सचिव आपस मे मिलकर पंचायत के सारे निर्माण कार्य में इसी प्रकार भ्रष्टाचार का खेल खेलकर अपनी तिजोरी भरने में लगे हैं। ऐसे में गांव का एक वर्ग इस बात से काफी नाराज होकर इस बात की शिकायत जिलास्तर में करने की बात कर रहे हैं।