भोपाल । सीबीआई को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के तीन रिश्वतखोरों की तीन दिन की रिमांड और मिली है। एफसीआई के रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों के अवैध लेनदेन के नेटवर्क की दिल्ली तक पड़ताल की जाएगी। पहली रिमांड में डायरी में मिले नाम और दस्तावेजों के आधार पर उन लोगों की जानकारी जुटाई है, जो रिश्वत के इस खेल में शामिल थे। अब दूसरी बार मिली रिमांड में दिल्ली मुख्यालय तक इस राशि के लेनदेन की पड़ताल की जा रही है। मालूम हो, गुरुग्राम स्थित सुरक्षा एजेंसी कैप्टन कपूर एंड संस की शिकायत पर सीबीआइ ने चार आरोपितों निलंबित डिविजनल मैनेजर हर्ष हिनोनिया, मैनेजर (अकाउंट) अरुण श्रीवास्तव, क्लर्क किशोर मीणा और मैनेजर (सिक्यूरिटी) मोहन पराते को एक लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। क्लर्क मीणा और एक अन्य कर्मचारी संदीप कुमार चौधरी के घर से कुल तीन करोड़ छह लाख 96 हजार रुपये जब्त किए गए थे। इनमें से हिनोनिया, श्रीवास्तव और मीणा को एक बार फिर तीन दिन की रिमांड पर सौंपा गया है। सूत्रों का कहना है कि आरोपितों ने रिश्वत के बंटवारे में कई अधिकारियों और कर्मचारियों के शामिल होने की जानकारी दी है। रिमांड की दूसरी अवधि में यह पता लगाया जा रहा कि गिरफ्तार और शक के घेरे में आए कितने अधिकारियों या कर्मचारियों ने दिल्ली में उपहार भेजे हैं। दिल्ली तक कार्रवाई के पहले इसी दिशा में काम किया जा रहा है। आने वाले दिनों में और लोग भी इस कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। उधर, इस कार्रवाई के बाद एफसीआइ में हड़कंप की स्थिति है। अधिकारी-कर्मचारी कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं।मीणा के घर से बरामद डायरियों में प्रदेश के बाहर के लोगों के नाम भी मिले हैं। रिश्वतखोरों से मिली जानकारी को पुख्ता साक्ष्य में बदलने की कवायद की जा रही है।