भोपाल । प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 10 से ज्यादा स्थानों पर गरीबों के लिए मल्टियों का निर्माण कार्य चल रहा था, जो कोरोना कफ्र्यू के कारण बंद कर दिया गया था और वहां काम कर रहे मजदूरों की टोलियां अपने-अपने घर रवाना हो गई थीं। अब निर्माण कार्य शुरू होने के बाद अहमदाबाद और सूरत की कई कंपनियों को काम कराने के लिए मजदूरों के टोटे पड़ रहे हैं। अब यूपी, बिहार और अन्य राज्यों से मजदूर बुलाने की कवायद चल रही है। एक-दो हफ्ते में मजदूरों की टीमें आने के बाद काम शुरू होगा।
नगर निगम ने बड़े पैमाने पर टेंडर जारी कर गरीबों के लिए मल्टियों का निर्माण कार्य शुरू कराया था। तय समयावधि में मल्टियों के काम पूरे करने के लिए कम्पनियों को हिदायत दी जा रही थी। इसी बीच कोरोना के चलते कफ्र्यू लगा दिया गया तो कई स्थानों पर काम पूरी तरह बंद करा दिए गए और वहां से मजदूरों की टोलियां रवाना हो गई थीं। कुछ स्थानों पर जरूर मजदूरों को रहने की जगह उपलब्ध थी, इसलिए वे वहीं रुके रहे। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक अहमदाबाद और सूरत की कई बड़ी कम्पनियों ने मल्टियां बनाने का काम लिया था। उनके अधिकारियों को काम कराने के निर्देश दिए गए तो उन्होंने मजदूर नहीं होने पर काम शुरू करने में असमर्थता जताई। स्थानीय स्तर पर मजदूरों की टीम नहीं मिल रही है, जिसके चलते अब कम्पनियों द्वारा यूपी, बिहार और अन्य राज्यों से मजदूर बुलवाए जा रहे हैं। इसके लिए कम्पनी ने अपने लोगों को कई शहरों में मजदूरों की व्यवस्था करने के लिए भेजा है। अधिकारियों का कहना है कि एक से दो सप्ताह के अंतराल में मजदूरों की टीम आने के बाद इन स्थानों पर काम शुरू कराए जाएंगे।