Home मध्य प्रदेश प्रदेश को कोरोना मुक्त करने के लिए “किल कोरोना-4” अभियान

प्रदेश को कोरोना मुक्त करने के लिए “किल कोरोना-4” अभियान

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भोपाल ।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्णय अनुसार 31 मई, 2021 तक संपूर्ण प्रदेश को कोरोना मुक्त करने के लिए विशेष रूप से एक्टिव केस युक्त ग्राम एवं शहरी क्षेत्रों में कोरोना के हॉट-स्पॉट का चिन्हांकित कर कोरोना को समाप्त करने के लिए ‘किल कोरोना-4’ अभियान चलाया जा रहा है। इस संबंध में स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने समस्त कलेक्टर, सी.ई.ओ. जिला पंचायत, आयुक्त नगर निगम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी और नगर पंचायत अधिकारी को 25 से 31 मई तक ‘किल कोरोना-4’ अभियान चलाने के निर्देश जारी किये हैं।

कोविड की प्रथम लहर में व्यापक रूप से कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की गई थी। कोविड की दूसरी लहर में पॉजिटिव लोगों की संख्या तेजी से कम हो रही है। ऐसी स्थिति में कोरोना का संक्रमण समाप्त करने के लिए पुन: कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की कार्यवाही की जाये। परिपत्र में किल कोरोना अभियान में औषधियों के वितरण के साथ सर्दी, खाँसी, बुखार के मरीजों की टेस्टिंग कर उन्हें कोविड केयर सेन्टर में पृथक से आइसोलेट किया जाना है।

स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने परिपत्र में किल कोरोना-4 में ग्रामीण क्षेत्रों में रणनीति तैयार करने के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं, जिसमें किसी भी ग्राम में एक या अधिक एक्टिव केस हो तो ऐसे ग्रामों में पुन: डोर-टू-डोर सर्वे कराकर स्क्रीनिंग की जाये। ग्राम स्तर पर स्क्रीनिंग के लिए गठित प्राथमिक दल में आशा, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, साहायिका, ग्राम रोजगार सहायक के साथ दल में जन अभियान परिषद् के प्रस्फुटन समिति के सदस्य एवं नगर पंचायत के लिए नगर पंचायत के मैदानी कर्मचारी को भी शामिल किया जाए।

परिपत्र में द्वितीय स्तरीय पर्यवेक्षक दल को गठित करने के भी निर्देश जारी किये गये हैं, जिसमें आशा, सहयोगिनी, ए.एन.एम, सी.एच.ओ, एल.एच.व्ही, पुरूष सुपरवाईजर, मलेरिया सुपरवाईजर, लेप्रोसी सुपरवाईजर, बी.ई.ई, एस.टी.एस, एस.टी.एल.एस, पंचायत सचिव और आँगनबाड़ी सुपरवाईजर शामिल रहेंगे। द्वितीय स्तरीय पर्यवेक्षक दल प्राथमिक दल के द्वारा दी गई सूची की पुष्टि के आधार पर उन घरों में पुन: बुखार एवं कोरोना के लक्षण के संभावित रोगियों को लक्षण के अनुसार औषधियां उपलब्ध करायेंगे। ग्रामों की संख्या के आधार पर द्वितीय स्तरीय पर्यवेक्षक दलों की संख्या निर्धारित की जायेगी। प्रत्येक दल में स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी अनिवार्य होगा। कोविड के लक्षण वाले रोगियों को फीवर क्लीनिक में जांच के लिए रिफर किया जाये।

संदिग्ध रोगियों की जांच की पुष्टि होने तक उन्हें होम क्वारंटाइन किया जाये अथवा ग्राम पंचायत भवन में संस्थागत क्वारंटाइन किया जाये। क्वारंटाइन रोगियों में कोविड की पुष्टि होने पर होम आइसोलेशन, ब्लॉक स्तरीय कोविड केयर सेन्टर एवं जनपद पंचायत के सेन्टरों पर आइसोलेट किया जाये। ग्रामीण क्षेत्रों को कोविड-19 के एक्टिव केसों की संख्या के आधार पर 3 जोन में विभाजित किया जाये, जिसमें 5 से अधिक एक्टिव केस हैं वाले ग्राम को लाल जोन, एक से चार एक्टिव केस वाले ग्राम को पीला जोन एवं जीरो एक्टिव केस वाली ग्राम पंचायत को हरे जोन में विभाजित किया जाये।

परिपत्र में शहरी रणनीति में हॉट-स्पॉट क्षेत्रों को चिन्हांकन किया जाये और उसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाये। इन क्षेत्रों में कोविड पॉजिटिव पाये जाने पर उसकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जाये। इसके अलावा संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए माईक्रोकन्टेन्मेंट जोन बनायें जायें। परिपत्र में जिला प्रशासन द्वारा महिला एवं बाल विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों एवं जन अभियान परिषद् के जिला प्रतिनिधियों के साथ समन्वित रणनीति तैयार कर किल कोरोना-4 अभियान का संचालन 25 मई, 2021 से सुनिश्चित किया जाये।

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