धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
एंकर:- कोरोना के चलते पूरे प्रदेश में 31 मई तक लॉकडाउन लगा है। होटलों में बैठकर खाना खिलाना मना है, सिर्फ पार्सल ही दे सकते हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ में देखा जा रहा है कि शासकीय कर्मचारी शराब के नशे में मस्त होकर लोगों से मारपीट कर रहे हैं। आज हम आपको बता रहे हैं धरमजयगढ़ वन विभाग में पदस्थ कर्मचारियों की दादागिरी की कहानी। मामला है खडग़ांव में स्थित महेश ढाबा की, 10 अप्रैल को वन विभाग में पदस्थ कर्मचारियों ने ढाबा संचायक की लात घूसे एवं डांडे से जोरदार पीटाई कर दी। चार लोग एक कार में महेश ढाबा पहुंचता है और शराब पीना शुरू करता है, ढाबा संचालक ने ढाबे में शराब पीना मना है बोलता है, इतने बोलते ही वन विभाग में पदस्थ बाबू जिप्रियंस तिर्की अपने साथी गिरजा शंकर ध्रुव, गोपाल यादव एवं एक अन्य के साथ मिलकर गंदी गंदी गाली गलौच करते हुए मारपीट शुरू कर देता। बताना लाजिमी होगा कि इन दिनों छत्तीसगढ़ में शासकीय कर्मचारियों द्वारा आम जनता के साथ मारपीट करना इनका फैशन हो गया है। शराबी कर्मचारियों के खिलाफ धरमजयगढ़ थाना में कई धाराओं के साथ मामला दर्ज किया गया है। शराबी शासकीय कर्मचारी कितना बेलगाम हो गया है ये तो 21 मई को भी देखने को मिला बगुडेगा चेक पोस्ट में। यहां भी 2 शिक्षक और एक कोटवार ने शराब के नशे में खूब नंगा नाच करते देखा गया। यहा तो शराबी शिक्षक ने मीडिया कर्मियों को भी नहीं बख्शा उनके साथ हाथा पाई करते हुए प्रेस आईडी तक को लूट लिया गया। ये है भूपेश सरकार का सुघरा छत्तीसगढ़। अब देखना होगा कि ये शराबी शिक्षकों पर प्रशासन क्या कार्यवाही करती है? मजेदार बात है कि ये वहीं लैलूंगा है जहां सोशल मीडिया में शराबी स्थानीय प्रशासन लिखे पोस्ट पर प्रतिक्रिया देने पर एक पत्रकार पर पुलिस थाना में एफआईआर करवा दिया था यहां के अधिकारियों ने।