धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
पूरे देश इन दिनों कोरोना वायरस के चपेट में हैं हर तरफ अफर-तफरी मची है, कोई काम धंधा नहीं चल रहा है। इस वायरस के चलते सबसे अधिक परेशानी रोज कमाओ रोज खाओ वालों को हो रहा है। केन्द्र और राज्य सरकार गरीब, आदिवासियों को भूख से परेशानी न हो इसके लिए मुफ्त राशन देने का ऐलन किया है। केन्द्र सरकार प्रत्येक व्यक्ति 5 किलो और छत्तीसगढ़ सरकार प्रत्येक कार्डधारी को 35 किलो मुफ्त दो माह चावाल देने का घोषण किया है। राशन कार्डधारियों को इस माह दो माह का राशन एक साथ दिया जाना है। लेकिन इस कोरोना काल में भी कुछ राशन माफियाओं ने राशन की अफरा-तफरी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। शासन के नियम को धत्ता बताते हुए गरीब आदिवासियों को दो माह के जगह एक माह का राशन दिया जा रहा है। आज हम बात कर रहे हैं जनपद पंचायत धरमजयगढ़ के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत कमरई का इस पंचायत के ग्राम वासियों को सरपंच-सचिव की मनमानी के चलते मुलभूत सुविधा नहीं मिल पा रहा है। राशन वितरण में भी सरपंच-सचिव द्वारा खुलकर मनमानी करने की बात समाने आई है।
ग्रामीणों ने बताये कि सरपंच-सचिव द्वारा राशन दुकान चलाया जा रहा है, राशन दुकान को मनमानी तरीके से चलाते है जब मन लगे खोलते हैं, मई माह में शासन के नियमानुसार मई-जून माह का राशन एक साथ देना है लेकिन कमरईवासियों को सरपंच-सचिव द्वारा सिर्फ एक माह का राशन दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताये कि एक माह का तो राशन दिया है लेकिन और एक माह का राशन देगा कि नहीं, नहीं मालूम। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि कोरोना काल में गरीबों को मिलने वाला राशन पर डाका डालने वाले सरपंच-सचिव पर जांच कर कार्यवाही करें, ताकि कोरोना काल के इस संकट में गरीबों को खाने पीने क लिए परेशानी न हो। लेकिन एक बात तो साफ है कि धरमजयगढ़ में राशन अफरा-तफरी करने वालों पर कार्यवाही बहुत ही कम होता है। कार्यवाही नहीं होने के कारण राशन माफियाओं के हौसला बुलंद है। अगर कार्यवाही होता तो इस संकट काल में कोई क्या गरीबों पेट में लात मारने का काम करता? अब देखना होगा कि स्थानीय प्रशासन कमरई सरपंच-सचिव पर कार्यवाही करता है या नहीं?