भोपाल । जिला मलेरिया और डेंगू से बचाव के लिए लगातार व्यापक सर्वे और परीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही शहरी स्वास्थ्य पोषण दिवस में आई गर्भवती महिलाओं को मच्छरदानी में सोने हेतु समझाइश दी। चूंकि गर्भवती महिला और 0 से 5 वर्ष तक के बच्चे को मलेरिया और डेंगू का खतरा ज्यादा रहता है।
मौसम मच्छरों की पैदावार के अनुकूल हो चुका है, बारिश हो चुकी है चूंकि मौसम में बदलाब हो रहा है, ऐसे मौसम में मच्छर ज्यादा संख्या में अंडा देते है चूंकि, जगह-जगह पानी भर गया है, मादा मच्छर हमेशा रुके या जमा हुए पानी मे अंडा देता है, अंडे से लार्वा, एवं लार्वा से अंत में प्यूपा में बदलकर मच्छर बनता है। इस प्रक्रिया में लगभग 10 से 12 दिन लगते है। हमें ध्यान रखना है, की हम लोगों ने जो सकोरे या अन्य बर्तन पक्षियों को पानी पिलाने हेतु रखे थे उन्हें उलटकर या ढक कर अपने घर के अंदर रख ले, क्योंकि ये पात्र पानी संचय और लार्वा की पैदाइश के लिए बहुत अनुकूल है।
जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे के मार्गदर्शन में फैमिली हेल्थ इंडिया एम्बेड की टीम नियमित रूप से लार्वा सर्वे बुख़ार का सर्वे लार रही है, जहाँ लार्वा मिलता है उसे नष्ट किया जाता है एवं अनुपयोगी समान को नष्ट किया जाता है या घर में अलग एक जगह रखा जाता है जहाँ पानी का सोर्स नही हो, जिला समन्वयक एम्बेड डॉ. संतोष भार्गव, कार्यक्रम सहायक श्रीमती रंजना सिंह एवं बीसीसीएफ के द्वारा नियमित रूप से घर-घर जाकर लोगों को डेंगू मलेरिया से बचाव हेतु बताया जा रहा है।
आज टीम के द्वारा वार्ड नंबर-55 बागसेवनिया, वार्ड नंबर 57 के शिवजी नगर, वार्ड नंबर 56 के आजाद नगर, आनंद नगर आदि क्षेत्रों में 132 घरों का सर्वे किया साथ ही घर -घर जाकर बुखार आने पर जांच करवाने हेतु सलाह दी एवं सभी घरों में लार्वा देखा जाये, 8 घरों में लार्वा मिला जिसे मौके पर ही नष्ट कराया।