धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
आदिवासी बहुल और जंगली इलाकों में लॉक डाउन के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की सुरक्षा के लिये तैनात ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए विभाग कितना लापरवाह है। इस बात को यह तश्वीर बयां कर रही है। धरमजयगढ़ मुख्यालय का उपस्वास्थ्य केंद्र बोरो एक ओर जहां रायगढ़ और कोरबा के बॉर्डर पर स्थित है वहीं दूसरी ओर जंगली इलाका होने के कारण यह क्षेत्र जंगली जानवर और जंगली हाथी से पूरी तरह प्रभावित है। ऐसे में रिहाइशी इलाको में जंगली जानवरों का खतरा एक तरफ तो जिले की सीमा होने के नाते असमाजिक तत्वों सहित चोर बदमाशों का आवागमन भी इस मार्ग से होना तय माना जाता है। ऐसे में उपस्वास्थ्य केंद्र बोरों में लगा यह गेट विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर करता है। जहां ग्रामीणों की जान बचाने स्वास्थ्य कर्मचारी डटे हुए हैं। किन्तु इनकी सुरक्षा को लेकर विभाग को जरा भी चिंता नहीं है वरना उपस्वास्थ्य केंद्र का यह मुख्य दरवाजा टूटा न होता। दरवाजा टूटा होने के कारण कई प्रकार का डर बना रहता है कि कब स्वास्थ्य केन्द्र से क्या चोरी हो जाये लेकिन विभाग को इससे कोई लेना देना नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को मालूम होने के बाद कि दरवाजा टूटा हुआ है लेकिन इसको सुधरवाने की कौशिश तक नहीं किया जा रहा है।
विशेष दर्जा वाली हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर का हाल बेहाल
आयुष्मान भारत योजना के तहत बोरो उप स्वास्थ्य केन्द्र को हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर का दर्जा दिया गया। लेकिन स्वास्थ्य केन्द्र को देखने से नहीं लगता है कि इस पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा किसी प्रकार का कोई ध्यान दिया जा रहा है। न तो पानी की व्यवस्था है और न ही प्रसव कक्ष में शौचलय, आपको बता दे कि अधिकारियों द्वारा बोरो उप स्वास्थ्य केन्द्र को हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर तो बना दिया गया लेकिन स्वास्थ्य केन्द्र को सुधारना भूल गये। इस स्वास्थ्य केन्द में बिजली, पानी, शौचालय सभी चीज का आभव है। शौचालय नहीं होने से गर्भवती महिला प्रसव के लिए आना नहीं चाहती है। और स्वास्थ्य केन्द्र का दरवाजा तो भगवान भरोसे है बंद करने के बाद भी कोई भी आराम से अंदर बाहर हो सकते हैं। पर बेचारे छोटे कर्मचारी करें तो करें क्या इनका सुनने वाला है कौन? अगर इनका सुनने वाला होता तो स्वास्थ्य केन्द्र का हाल इतना बूरा ना होता। स्वास्थ्य केन्द्र का हाल आप खुद वीडियों में देख सकते हैं।
शराबी शराब पीकार हेण्ड पंप में छोड़ देते खाली बाटल
स्वास्थ्य केन्द्र में बाऊड्रीवाल नहीं होने के कारण शराबियों द्वारा शराब पीने का अण्डा स्वास्थ्य केन्द्र को बनाते हैं, और शराब पीने के बाद कांच का बाटल को हेण्ड पंप के पास तोड़ देते हैं जिससे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भारी परेशानियों का सामना हर दिन उठाना पड़ता है। बात सिर्फ हेण्ड पंप का नहीं है स्वास्थ्य केन्द्र का दरवाजा टूटा होने के कारण कुछ आसमाजिक तत्व स्वास्थ्य केन्द्र में घूस कर गंदा भी कर देते हैं। अब देखना है कि स्वास्थ्य विभाग इस ओर ध्यान देता है कि नहीं।