बिलासपुर । नदी में एक्सीवेटर और डंपर उतारकर रेत चोरी की ये तस्वीर मोपका या सेंदरी की नही बल्कि शहर के बीचों-बीच चाटीडीह-शनिचरी रपटा के नीचे नदी का है, देखिये कैसे दिन दहाड़े अवैध उत्खनन हो रहा। 1 दिन नही पूरे लाकडाउन से चल रहा सब देख रहे। नही दिख रहा तो जिला प्रशासन और खनिज विभाग के जिम्मेदार अफसरो को।
रपटा से महज 30-40 कदम की दूरी पर रेत चोरों द्वारा कराए जा रहे अवैध उत्खनन के कारण रपटा पर खतरा मंडरा रहा। लगता है प्रशासन के अफज़ऱ सेंदरी-तुर्काडीह बाईपास के पुल को भूल गए, कैसे रेत चारों ने पुल की नींव खोदकर पुल को खोखला और जर्जर कर दिया वो भी 7 साल में ही।
मीडिया ने खूब हल्ला मचाया तो पुल पर आवागमन बन्द कर दिया गया। लोग हलाकान हुए आवागमन के लिए कई किलोमीटर घूमकर आनाजाना पड़ा। अंतत: जितने की लागत से इस पुल का निर्माण हुआ था, उससे डेढ़ गुना अधिक रकम खर्च कर पुल की मरम्मत करानी पड़ी।
यदि समय रहते जिला प्रशासन और खनिज अमले की आंख नही खुली तो शहर का सबसे व्यस्ततम रपटा भी रेत चोरों की भेंट चढ़ जाएगा। हमने इस मेले को लेकर कलेक्टर सारांश मित्तर और उपसंचालक खनिज से सम्पर्क करने का प्रयास किया, परन्तु हमेशा की तरह हो न सका। कुल मिलाकर जिम्मेदार अफ़सरो का यही रवैय्या है, पब्लिक शिकायत कर तो कहा और किसके पास करे।
क्योकि पूरी रात गोड़पारा, शनिचरी रपटा समेत आसपास जहां भी नदी में आवागमन की व्यवस्था है वही एक्सीवेटर और डंपर उतारकर रेत की कबोरी हो रही है, जब दिनदहाड़े कोई देखने वाला नही तो रात को कौन जिम्मेदारों से उम्मीद करे।