भोपाल । कोरोना वायरस के इलाज में काम आने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले आकाश दुबे का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। संभावना जताई जा रही है कि आकाश अस्पताल परिसर के किसी हॉस्टल या वार्ड में छुपा हो सकता है, लेकिन कोविड संक्रमण होने के कारण तलाशी लेने में परेशानी हो रही है। इस मामले में कोलार पुलिस का कहना है कि आरोपित आकाश दुबे के करीबी दोस्तों से भी पूछताछ हुई, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका है। वहीं, रिश्वतखोरी के आरोप में निलंबित हुए क्राइम ब्रांच के दो सब इंस्पेक्टरों की जांच भी शुरू नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि कोलार पुलिस ने गत 14 मई को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों का खुलासा किया था। जेके अस्पताल की आईटी सेल का मैनेजर आकाश दुबे अस्पताल से अपने तीन दोस्तों को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध करवाता था। पुलिस ने तीनों दोस्त अंकित सलूजा, दिलप्रीत सलूजा व आकर्ष सक्सेना को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि आकाश दुबे फरार है। कोलार थाना पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले जिन तीन आरोपित अंकित, दिलप्रीत व आकर्ष सक्सेना को गिरफ्तार किया है, उसमें से आकर्ष को गत 18 अप्रैल को क्राइम ब्रांच ने हिरासत में किया था। क्राइम ब्रांच के एसआई एमडी अहिरवार, एसआई हरिकिशन वर्मा व एक अन्य पुलिसकर्मी सिंह ने लेनदेन लेकर छोड़ दिया था। मामला सामने आने के बाद दोनों एसआई को निलंबित कर जांच शुरू की गई है। जांच का जिम्मा गत दिवस रविवार को एएसपी जोन वन अंकित जायसवाल को सौंपा गया है। सोमवार को दोनों पुलिसकर्मियों के बयान व आकर्ष सक्सेना को रिमांड पर लेना था, लेकिन यह जांच शुरू नहीं हो सकी। पुलिस जल्द ही आरोपितों से पूछताछ करने वाली है।